पश्चिम बंगाल

कोलकाता रेप केस: न्याय में देरी पर हरभजन सिंह का ओपन लेटर, ममता बनर्जी और राज्यपाल से की कार्रवाई की अपील

भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह ने कोलकाता रेप केस में अपनी भड़ास निकाली है और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नाम ओपन लेटर लिखा है।

Published by
राकेश सैन

कोलकाता रेप मामले में इंडी ब्लाक में दरार देखने क मिल रही है। भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह ने कोलकाता रेप केस में अपनी भड़ास निकाली है और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नाम ओपन लेटर लिखा है। उन्होंने राज्यपाल को भी ये लेटर संबोधित किया है और न्याय में हो रही देरी को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। कोलकाता में नौ अगस्त को सरकार द्वारा चलाए जा रहे आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमीनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर का मामला सामने आया था। इस मामले को लेकर पूरे देश में आक्रोश का माहौल है। देश भर में इस हादसे को लेकर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं।

हरभजन ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल के अलावा इस देश की जनता को भी इस लेटर में संबोधित किया है। पूर्व ऑफ स्पिनर ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर ये लेटर पोस्ट किया है। इस लेटर को पोस्ट करते हुए हरभजन ने लिखा, ‘कोलकाता रेप एंड मर्डर मामले में न्याय में हो रही देरी के बाद मैंने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राज्यपाल को ओपन लेटर लिखा है जिसमें उनसे फैसले लेने की अपील की है।’

हरभजन ने लेटर में लिखा, ‘ये वह हिंसात्मक हरकत है जिसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता, जिसने हम सभी की अंतरात्मा को हिला दिया है। ये सिर्फ एक लडक़ी के खिलाफ हुआ घिनौना अपराध भर नहीं है, बल्कि समाज में रह रहीं हर महिला की सुरक्षा पर प्रहार है। ये हमारे समाज की जड़ों में फैली बुराइयों का प्रतिबिंब है। इसके साथ ही ये वो अलार्म है जो बताता है कि अधिकारियों द्वारा हमारे सिस्टम में बदलाव लाने की जरूरत है।’

हरभजन ने लिखा है कि इस अपराध को सप्ताह भर का समय हो गया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने लिखा, डॉक्टर्स जो विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वो मैं समझता हूं और मैं पूरी तरह से इसके सपोर्ट में हूं, इस न्याय की लड़ाई में मेडिकल समुदाय के साथ हूं। हरभजन ने लिखा, मेडिकल कम्यूनिटी पहले से ही काफी चुनौतीपू्र्ण हालात में काम कर रही है। इस तरह की स्थिति में जब उनकी ही सुरक्षा दांव पर है, हम कैसे उनसे पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करने की उम्मीद कर सकते हैं?

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