भुवनेश्वर। कटक-भुवनेश्वर कमिश्नरेट पुलिस ने भुवनेश्वर के एक घर से सात सिम बॉक्स जब्त कर कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए। ट्विन सिटी पुलिस कमिश्नर संजीव पंडा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में खुलासा किया कि इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड बांग्लादेशी नागरिक असदुर जमान है। जमान ही इस मामले के आरोपी राजू मंडल का संचालक था, जिसे इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को कमिश्नरेट पुलिस की विशेष टीम ने भुवनेश्वर के एक घर पर छापेमारी के दौरान भुवनेश्वर के लक्ष्मीसागर थाना क्षेत्र के महादेव नगर स्थित एक घर से सात सिम बॉक्स जब्त किए थे। छापेमारी के दौरान पश्चिम बंगाल के लगभग 1000 प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड, पुराने सिम कार्ड, राउटर और अन्य उपकरण जब्त किए गए थे।
पुलिस कमिश्नर संजीव पंडा ने बताया कि, जांच में अवैध सिम कार्ड व्यापार के एक जटिल नेटवर्क का खुलासा हुआ है, जिसके तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े हुए हैं। पुलिस इस मामले में अन्य व्यक्तियों और संगठनों की संलिप्तता की भी आगे जांच कर सकती है।
आरोपी राजू मंडल पश्चिम बंगाल का रहने वाला है और वह भुवनेश्वर में किराए के मकान से सिम बॉक्स का संचालन कर रहा था। उसका काम यह सुनिश्चित करना था कि यूपीएस, इंटरनेट, बिजली और अन्य सेवाएँ ठीक से काम करें।
सिम में कोई समस्या होने पर मंडल घर पर आता था और आवश्यक मरम्मत और रखरखाव का काम करता था। मंडल ने बताया कि सिम बॉक्स का इस्तेमाल पाकिस्तान, चीन और खाडी के देशों में अंतर्राष्ट्रीय कॉल को बायपास करने के लिए किया जाता था।
उन्होंने बताया कि आरोपी राजू मंडल का असली हैंडलर बांग्लादेशी नागरिक असदुर जमान है। जमान अक्टूबर में अगरतला और भुवनेश्वर होते हुए भारत आया था। वह दिसंबर में बांग्लादेश लौट आया था। उन्होंने बताया कि जांच से पता चला है कि सिम बॉक्स बांग्लादेश से गुप्त तरीके से भारत में तस्करी करके लाए गए थे। इसके अलावा, यह भी पता चला कि जमान मंडल को इस ऐबज में भुगतान करता रहा है ।
पुलिस कमिश्नर संजीव पंडा ने कहा कि सिम बॉक्स का इस्तेमाल मुख्य रूप से साइबर अपराध, नफरत भरे संदेश, आतंकवादी गतिविधियों, जबरन वसूली और अन्य अपराधों के लिए किया जाता है । इसमें मूल नंबर छिप जाते हैं और यही कारण है कि यह कानून लागू करने वाली एजेंसियों के लिए समस्याएं पैदा करता है। इन सिम बॉक्स के माध्यम से किए गए अपराधों की वास्तविक प्रकृति की जांच की जाएगी। चूंकि इसमें बांग्लादेशी नागरिक शामिल हैं, इसलिए हम आगे की जांच के लिए राष्ट्रीय एजेंसियों से मदद मांगेंगे।
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