बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ शुक्रवार को महाराष्ट्र के कई जिलों में सकल हिंदू समाज ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। नासिक में हिंदू समाज ने सुबह से दुकान बंद करने की अपील की थी। शनिवार को मार्च शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ रहा था। मार्च बड़ी दरगाह के पास पहुंचा तो लोगों ने मुस्लिम समाज से दुकानें बंद करने की अपील की। मुस्लिम इस पर राजी नहीं हुए और फिर बहस शुरू हो गई।
शुक्रवार का दिन था, उसी दौरान नमाज पढ़कर हजारों मुस्लिम लौट रहे थे। ऐसे माहौल में शरारती तत्वों ने कहासुनी और धक्का-मुक्की शुरू कर दी। पुलिस ने उन्हें अलग किया। हिंदू पक्ष शिवाजी चौक तक लौट गया। लेकिन मुस्लिम दरगाह के पास ही अड़े रहे। मुस्लिम पक्ष की ओर से उकसाने वाली बात कही गई तो हिंदुओं ने विरोध किया। इसी दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से कुछ शरारती तत्वों ने अचानक हिंदू पक्ष पर चप्पल जूते फेके और फिर पत्थरों की बारिश कर दी। इससे भगदड़ की स्थिति बन गई। पथराव में 18 पुलिसकर्मियों के घायल होने की बात सामने आई है। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पहले आंसू गैस का इस्तेमाल किया और बाद में लाठीचार्ज किया।
मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि नासिक में तनावपूर्ण स्थिति है। पथराव की छिटपुट घटनाएं हुई हैं। पुलिस स्थिति को नियंत्रित कर रही है। हम खुद अधिकारियों के संपर्क में हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का कोई भी समर्थन नहीं कर सकता।
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