सड़क मार्ग पर होने वाली दुर्घटना में अधिकतर जनहानि दोपहिया वाहन चालकों की होती है। दुर्घटना में होने वाली ‘हेड इंजरी’ इसकी सबसे बड़ी वजह है। चिकित्सकों का भी कहना है कि शरीर के अन्य हिस्सों में लगने वाली चोट को ठीक होने के काफी हद तक संभावना रहती है मगर सिर की चोट में ‘रिकवरी’ काफी जटिल होती है।
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ऐसे में बाइक चालक को हेलमेट पहनाने के ट्रैफिक पुलिस काफी समय से प्रयासरत है। इस बीच मिर्जापुर जनपद के पुलिस अधीक्षक नगर ने एक अनोखी पहल की है। मिर्जापुर जनपद में प्रयोग के तौर पर साइकिल से स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राएं को भी हेलमेट पहनाने का अभियान शुरू किया गया है। स्वतंत्रता दिवस पर इस अभियान की शुरुआत की गई है।
मिर्जापुर जनपद के पुलिस अधीक्षक (नगर) नितेश सिंह का कहना है कि ड्रेस कोड की तरह साइकिल से स्कूल जाने वाले बच्चों को हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जाना चाहिए। इस बार के स्वतंत्रता दिवस से इस अभियान की शुरुआत की गई है। पूरे एक वर्ष तक यह अभियान चलाया जाएगा। यह प्रयास रहेगा स्कूल जाने वाले बच्चों को इसी समय से ही हेलमेट पहनने की आदत पड़ जाए। इससे साइकिल चलाते समय तो सुरक्षा रहेगी।
इसका एक लाभ यह भी रहेगा कि जब वो बड़े होकर बाइक चलाएंगे तो उन्हें पहले से हेलमेट पहनने की आदत बन चुकी रहेगी। इस अभियान के काफी दूरगामी परिणाम होंगे। इस अभियान को सफल बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने स्कूलों में बातचीत की है। ट्रैफिक पुलिस का मानना है कि छात्र जीवन में ही हेलमेट लगाने की आदत से भविष्य में इसका बहुत लाभ मिलेगा।
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ये बच्चे बड़े होकर स्वाभाविक रूप से हेलमेट लगायेंगे। दुर्घटना में सिर की सुरक्षा रहेगी। इस अभियान की शुरुआत करने से पहले मिर्जापुर जनपद की पुलिस ने स्कूल जाने वाली छात्राओं से भी बातचीत की है। ट्रैफिक पुलिस विद्यालयों में जाकर वहां के प्रधानाचार्य और प्रबंधक से संपर्क कर रही है। छात्र-छात्राओं से भी बात की जा रही है। इस अभियान के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
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