देहरादून: लंबी जांच प्रक्रिया अपनाने के उपरांत देहरादून पुलिस ने आजाद कॉलोनी के मदरसा जामिया तुस्सलाम अल इस्लामिया के संचालक के खिलाफ बाल उत्पीड़न का मामला दर्ज कर लिया है।
उल्लेखनीय है बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने एक अखबार में छपी खबर के उपरांत इस मदरसे की जांच पड़ताल की थी जिसमें ये पाया गया था कि यहां इस्लामिक शिक्षा लेने वाले बच्चो के साथ मारपीट, शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न किया जाता है।
आयोग की टीम के निर्देश पर पुलिस ने मदरसा के सीसीटीवी कैमरे खंगाले जिसमें ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जिसके बाद पुलिस ने संचालक मुफ्ती रईस अहमद और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसएसपी अजेय सिंह ने एफआईआर की पुष्टि करते हुए बताया कि मदरसे संचालकों के खिलाफ पूरी जांच पड़ताल करने के बाद मामला दर्ज कर लिया गया है।
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उल्लेखनीय है कि आयोग ने इस मदरसे की जांच पड़ताल में ये भी पाया कि इसकी कहीं भी मान्यता नहीं है और यहां बच्चे बाहरी प्रदेशों से लाकर पढ़ाए जा रहे थे, इनका सत्यापन भी नहीं कराया गया। मदरसे में बच्चों की संख्या भूमि भवन के मापदंड के अनुसार भी नहीं थी। मदरसे के संचालकों की आयोग के समक्ष पेशी भी हुई और वे वहां भी अपने पंजीकरण दस्तावेज आदि नही दिखा पाए थे। आयोग अध्यक्ष डा गीता खन्ना द्वारा इस बारे में मुख्यमंत्री, डीजीपी और अल्पसंख्यक विभाग के प्रमुख सचिव को भी पत्र लिखा गया था।
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ऐसी जानकारी में आया है कि उत्तराखंड में बिना पंजीकरण के करीब चार सौ मदरसे चल रहे है जिनकी जांच पड़ताल किए जाने की बात सरकार कर रही है।
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