Mpox वायरस का कहर एक बार फिर बढ़ता जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हालात को देखते हुए इसे वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप वर्गीकृत किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में मामलों में वृद्धि के बाद ये फैसला किया है। बीते तीन वर्षों में यह दूसरी बार है, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी को वैश्विक आपातकाल घोषित किया है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले जुलाई 2022 में एमपॉक्स को वैश्विक महामारी घोषित किया गया था। उस दौरान उस प्रकोप ने 116 देशों में करीब 100,000 लोगों खास तौर पर मुख्य रूप से समलैंगिक और उभयलिंगी पुरुषों को प्रभावित किया था। इसमें 200 लोगों की मौत हो गई थी।
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कांगो में हालात बुरे
WHO का कहना है कि इस वर्ष एमपॉक्स के मामलों में तेजी से बढ़त देखी गई है। अकेले कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में 14,000 से ज्यादा लोग इस घातक वायरस संक्रमित पाए गए हैं। इसमें से 524 लोगों की मौत हो गई है। खास बात ये है कि सबसे अधिक जोखिम 15 साल से कम उम्र की महिलाएं और बच्चों के लिए है।
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इसी सप्ताह की शुरुआत में अफ्रीका के प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राधिकरण ने वायरल संक्रमण के तेजी से फैलने का हवाला देते हुए एमपॉक्स को आपातकाल घोषित किया गया है। इस साल अफ्रीका में 17,000 से ज्यादा संदिग्ध एमपॉक्स मामले और 500 से लोगों की मौत हुई है। ये पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में मामलों में 160 फीसदी की वृद्धि को दिखाता है।
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