यदि जेलेंस्की राष्ट्रपति पद नहीं त्यागते हैं तो अमेरिका के नीति नियंता उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर कर देंगे। बात तो यहां तक बढ़ चुकी है कि जेलेंस्की के विरुद्ध कोई दुष्प्रचार अभियान छेड़ा जाएगा जिससे जेलेंस्की इतने बदनाम और नाकारा साबित हो जाएंगे कि कुर्सी छोड़ने को तैयार हो जाएं।
रूस—यूक्रेन युद्ध के बीच एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है कि जिसमें लिखी बात अगर सच है तो दोनों देशों को लेकर पश्चिमी देशों की रणनीति में एक बड़ा फेरबदल देखने में आ सकता है। रूस की विदेश मामलों की खुफिया जानकारी रखने वाली एजेंसी की इस रिपोर्ट ने अमेरिका, रूस, यूक्रेन, नाटो और यूरोपीय संघ के नेताओं में एक चर्चा छेड़ दी है।
रिपोर्ट साफ संकेत करती है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति पद पर जेलेंस्की शायद कुछ ही दिन के मेहमान हैं। अमेरिका के नेताओं में यह भावना तेजी से घर करती जा रही है कि जेलेंस्की की बजाय कोई और नेता वहां की बागडोर संभाले तो रूस की तरफ से आ रही दिक्कत दूर हो सकती है।
इस रूसी खुफिया एजेंसी का यह खुलासा विदेश नीति के जानकारों में बहस का विषय बना हुआ है। रिपोर्ट बताती है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को पसंद करने वाले अमेरिकी नेता गिनती के ही बचे हैं। अगर ऐसा है, अगर अमेरिका के नेता जेलेंस्की से सच में नाराज हैं तथा चाहते हैं कि कोई अन्य नेता जेलेंस्की की जगह कमान संभाले तो यूक्रेन में सत्ता में एक बड़ा परिवर्तन देखने में आ सकता है।
यह रिपोर्ट आगे बताती है कि इस दृष्टि से अमेरिका एक बड़े प्लान पर काम कर रहा है। इसके अनुसार, यदि जेलेंस्की राष्ट्रपति पद नहीं त्यागते हैं तो अमेरिका के नीति नियंता उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर कर देंगे। बात तो यहां तक बढ़ चुकी है कि जेलेंस्की के विरुद्ध कोई दुष्प्रचार अभियान छेड़ा जाएगा जिससे जेलेंस्की इतने बदनाम और नाकारा साबित हो जाएंगे कि कुर्सी छोड़ने को तैयार हो जाएं।
कहा जा रहा है कि अमेरिका में सत्ता में बैठे नेता जेलेंस्की को चीजों को उतना ‘मैनेज’ करने में समर्थ नहीं मानते। वे मानते हैं कि जेलेंस्की में भ्रष्टाचार की भी झलक मिली है। यही वजह से कि वे चाहते हैं, उनकी जगह ऐसा आदमी कमान संभाले जो उतना भ्रष्ट न हो। बताते हैं कि ‘नए आदमी’ या कहें राष्ट्रपति की खोज का काम शुरू भी हो चुका है।
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में इधर ऐसी खबरें आनी शुरू हुई हैं कि यूक्रेन के सैनिक रूस के सैकड़ों किलोमीटर इलाके पर हावी हो चुके हैं और यूक्रेनी सैनिक वहां अपने देश के झंडे फहरा रहे हैं। इस बात को ‘साबित’ करते कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर चलाए गए हैं। संभव है कि जेलेंस्की का दुष्प्रचार तंत्र खुद ही ऐसे वीडियो बनाकर जारी करवा रहा हो ताकि इनसे संदेश जाए कि जेलेंस्की रूस को मात देने की ओर हैं। लेकिन क्या सच में ऐसा है?
अमेरिका को अब यूक्रेन ‘यूरोप के ब्लैक होल’ में बदलता दिख रहा है। ऐसा ‘ब्लैक होल’ जिसका कोई ओर—छोर नजर नहीं आता। रूस के यूक्रेन पर हमला बोले लगभग ढाई साल हो रहे हैं, लेकिन इसका अंत दूर दूर तक नजर नहीं आ रहा है। अमेरिका और अन्य नाटो देशों के हथियार, पैसे और अन्य संसाधनों के दम पर यूक्रेन लड़ाई में किसी तरह खुद को टिकाए हुए है। लेकिन कुछ हासिल होता नहीं दिख रहा है।
दिलचस्प बात है अमेरिका यूक्रेन के राष्ट्रपति पद पर बिठाने के लिए किस व्यक्ति को केन्द्र में रखे है, इस बात का खुलासा भी यह रूसी गुप्तचर रिपोर्ट करती है। इसके अनुसार, अमेरिका यह दांव आर्सेन अवाकोव नाम के नेता पर लगाने की सोच रहा है। आर्सेन यूक्रेन के गृह विभाग के पूर्व मुखिया रहे हैं। इन्हें ही इस पद के लिए अमेरिकी फिलहाल काम का मान रहे हैं। आर्सेन को लाया जाए, इसके लिए अमेरिका अपने यहां के कुछ गैर सरकारी संगठनों को यह निर्देश दे चुका है कि आर्सेन अवाकोव के पक्ष में हवा बनाई जाए।
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