दीनी तालीम का नाम और षड्यंत्रों को हवा देना काम। बच्चों पर अत्याचार, राष्ट्रविरोधी और हवाला जैसी संदिग्ध गतिविधियों के कारण उत्तर प्रदेश में 13,000 से अधिक अवैध मदरसों को बंद कराने की तैयारी हो गई है। इन मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के एक हाथ में कुरान तो दूसरे में लैपटॉप के संकल्प के साथ योगी आदित्यनाथ सरकार इस दिशा में बेहद गंभीर नजर आ रही है।
विदेशी धन से कन्वर्जन-घुसपैठ का खेल
मजहबी शिक्षा की आड़ में अवैध रूप से मदरसों में विदेशी वित्तपोषण का खेल किसी से छिपा नही है। सुरक्षा एजेंसियों को लगातार ऐसी सूचनाएं मिल रही हैं कि पाकिस्तान सहित कई मुस्लिम देशों से मदरसों को भेजे जा रहे धन का उपयोग कन्वर्जन के लिए किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश एटीएस सीमा पार से घुसपैठ कराने वाले म्यांमार निवासी मोहम्मद अरमान उर्फ अबु तल्हा और अब्दुल अमीन जैसे कई ऐसे लोगों पर शिकंजा कस चुकी है, जो प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में रोहिंग्या घुसपैठियों को बसा रहे थे। बलिया, आगरा, अलीगढ़, मेरठ और गाजियाबाद में छिपे कितने ही रोहिंग्या एटीएस-एसटीएफ और स्थानीय पुलिस की कार्रवाई में पकड़े जा चुके हैं।
एसआई की जांच में खुलासा
एटीएस के एडीजी मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता में करीब एक वर्ष पहले मदरसों की जांच के लिए विशेष टीम बनाई गई थी। इसमें साइबर विशेषज्ञ डॉ. त्रिवेणी सिंह के अलावा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की निदेशक जे. रीभा को भी शामिल किया गया था। लंबी छानबीन के बाद टीम ने कुछ समय पहले मदरसों को लेकर जो रिपोर्ट सरकार को सौंपी है, वह चौंका देने वाली है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में 13,000 से अधिक अवैध मदरसे चल रहे हैं।
नेपाल सीमा से सटे जिले महाराजगंज, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत जैसे जिलों में बड़ी संख्या में अवैध मदरसे हैं। एसआईटी ने जब मदरसा संचालकों से उनकी आय-व्यय का ब्यौरा मांगा तो वे कोई भी कागज नहीं दिखा सके। इन इलाकों के 80 मदरसों को विदेश से लगभग 100 करोड़ रुपये मिलने की पुष्टि होचुकी है। जांच में यह भी पता चला कि प्रदेश के 23,000 मदरसों से 5,000 मदरसों के पास मान्यता भी नहीं है। हालात को देखते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग सरकारी वित्त पोषित मदरसों में पढ़ने वाले गैर-मुस्लिम बच्चों को औपचारिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए स्कूल में दाखिला दिलाने के निर्देश तक दे चुका है।
बहरहाल, शासन की सख्ती का असर प्रदेश के दूसरे जिलों में दिखने देने लगा है। बिजनौर में प्रशासन ने सरकारी जमीन पर बने मदरसा इस्लामिया अरबिया खदीन उल इस्लाम को सील करा दिया है। अलीगढ़ में 94 अवैध मदरसों को बंद करने की तैयारी है। उनमें पढ़ने वाले 2000 बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में कराया जाएगा। मुजफ्फरनगर में अवैध संचालन मामले में कई मदरसों को बंद करने के नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
टिप्पणियाँ