कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत के बाद सबूतों को मिटाए जाने की कोशिश की गई। पाञ्चजन्य से हुई एक्सक्लुसिव बातचीत में एक डॉक्टर ने यह जानकारी दी। वह डॉक्टर इस पूरे मामले को लेकर आंदोलन में सक्रिय हैं।
सवाल कई जवाब नहीं
—मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष का बयान दर्ज नहीं किया गया।
—कोलकाता पुलिस ने पहले मामले को सुसाइड बताया, डॉक्टरों के प्रदर्शन के बाद मामला दर्ज किया।
—घटना की रात डयूटी पर मौजूद चार अन्य डॉक्टरों के सैंपल जांच के लिए नहीं लिए गए।
—इतनी जघन्य घटना के बाद भी ‘क्राइम स्पॉट’ को सील नहीं किया गया।
—‘आन कॉल रूम’ ( जहां डॉक्टर आराम करते हैं ) वहां पर निर्माणकार्य शुरू करा दिया गया है।
—हत्या के बाद वहां प्रदर्शन करने पहुंचे अन्य मेडिकल कॉलेज के छात्रों को कैंपस से बाहर निकाल दिया गया। यही नहीं पुलिस ने एक दो डॉक्टरों के साथ मारपीट भी की।
—कॉलेज में जहां बैठकर डॉक्टर मीटिंग कर रहे थे उस जगह की लाइट काट दी गई। फिर पुलिस ने उन्हें जबरन बाहर निकल दिया।
—प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों की मांग पर डॉक्टर के एक ग्रुप को मंगलवार ढाई बजे पुलिस ने घटनास्थल की रात के सीसीटीवी दिखाने के लिए बुलाया गया था जिसके आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने यह कहकर वीडियो दिखाने के लिए मना कर दिया कि अब जांच सीबीआई करेगी इसलिए वीडियो नहीं दिखाया जा सकता।
क्या बोले डॉक्टर
एमडी थर्ड ईयर के एक डॉक्टर ने पांचजन्य से हुई बातचीत में बताया कि पुलिस ने घटना के बाद से लगातार लापरवाही बरती। शुक्रवार सुबह पुलिस को यह जानकारी मिली। पहले प्रशासन ने इसे सुसाइड बताया। पुलिस आई, बाकी डॉक्टर भी वहां एकत्रित होकर प्रदर्शन करने लगे, इसके बाद जांच के लिए पुलिस को जो नमूने लेने थे उसमें भी कोताही बरती गई। सबसे पहले तो अपराध स्थल को सील नहीं किया गया। बिना दस्ताने पहने सैंपल लिए गए।
नहीं रोकी आवाजाही, रात को ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों के सैंपल नहीं लिए गए
शाम चार बजे तक वहां आवाजाही लगी रही, जाहिर बात है कि जब लगातार आवाजाही रहेगी तो साक्ष्य नष्ट होने का खतरा रहता है। बृहस्पतिवार रात को डॉक्टर के साथ दुष्कर्म हुआ और उसकी हत्या की गई। पुलिस ने सीसीटीवी के आधार पर एक सिविक वालिंटियर संजय राय को ही गिरफ्तार किया गया है। जबकि उस रात वहां पर एमडी प्रथम वर्ष के दो डॉक्टर और एक इंटर्न डॉक्टर एक इंटर्न पूरी कर चुका डॉक्टर जिसे हाउस स्टाफ कहते हैं वह डयूटी पर थे। हाउस स्टाफ डॉक्टर की ड्यूटी इमरजेंसी में थी। अभी तक किसी के भी सैंपल जांच के लिए नहीं लिए गए।
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