हत्या के मामले में हजारीबाग जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा शाहिद अंसारी नहीं सुधरा। उसने बीमारी का बहाना बनाया और अस्पताल में हुआ भर्ती। वहां उसकी सुरक्षा के लिए तैनात हवलदार को नींद आ गई तो उसने उसकी कर दी हत्या और हो गया फरार।
समाज में कुछ तत्व ऐसे होते हैं जिनकी फितरत होती है हत्या, बलात्कार, बदमाशी, लूट, खसोट, चोरी डकैती करना। इसका सबसे सटीक उदाहरण है 44 वर्षीय शाहिद अंसारी। सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में हजारीबाग के जेपी केंद्रीय कारा में उम्रकैद की सजा काट रहा शाहिद अंसारी 11 अगस्त की देर रात हवलदार चोहन हेंब्रम की हत्या करके फरार हो गया। घटना हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल की है। 14 दिन पहले शाहिद को इलाज के लिए यहां भर्ती कराया गया था। अस्पताल में उसकी सुरक्षा के लिए हवलदार चोहन हेंब्रम को तैनात किया गया था। उस रात कमरे में बैठे—बैठे हेंब्रम को नींद आने लगी तो वे सो गए। इसी का फायदा शाहिद ने उठाया। प्राप्त जानकारी के अनुसार शाहिद ने सबसे पहले हवलदार चोहन हेंब्रम पर लोहे की रोड से वार किया और स्लाइन चढ़ाने वाले पाइप से उनका गला घोंटकर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद हवलदार की जेब से चाबी निकाल और अपनी हथकड़ी खोलकर वहां से फरार हो गया। इस मामले में पुलिस सीसीटीवी फुटेज कंगाल रही है और अंदाजा लगाया जा रहा है कि उसकी मदद करने के लिए कोई और भी शामिल था या नहीं।
शाहिद अंसारी के बारे में पता चला कि वह धनबाद के पाथरडीह चासनाला का रहने वाला है। दिवंगत हवलदार चोहन हेम्ब्रम गिरिडीह के पीड़टांड़ के रहने वाले थे। कुछ दिन पहले शाहिद शरीर के दाहिने हिस्से में झुनझुनी की शिकायत लेकर जेल प्रबंधन के पास गया था। इसके लिए उसने दिल्ली के एम्स में इलाज के लिए आवेदन भी दिया था। प्रबंधन ने इसे अस्वीकार करते हुए हजारीबाग मेडिकल कॉलेज भेजा था।
हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार सिंह के अनुसार फरार आरोपी शाहिद अंसारी वर्ष 2019 में धनबाद न्यायालय से सजायाफ्ता है। उस पर हत्या और दुष्कर्म का आरोप है। अस्पताल में उसके पैर का इलाज कराया जा रहा था और यहां से उसे रिम्स भी भेजा जाना था।
अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी उठे सवाल
इस पूरे मामले के बाद अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा क्योंकि यह घटना 11 अगस्त की रात 11:40 में हुई, लेकिन वह अस्पताल से 1:15 में भागा था। इस दौरान उसके वार्ड में 50 से अधिक पुरुष मरीज भर्ती थे लेकिन 1 घंटा 20 मिनट तक किसी तरह की गतिविधियां नहीं हुईं। लोगों का कहना है कि सुबह 6:30 में पुलिस को सूचना दी गई। यानी इस घटना के लगभग 7 घंटे तक उसे वार्ड में कोई नहीं पहुंचा था। इसके साथ ही वहां पर 30 से 35 गृहरक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इसके बावजूद एक हत्यारा घटना को अंजाम देकर भाग निकलता है। यही कारण है कि अस्पताल प्रबंधन से लेकर केंद्रीय कारा के अधिकारी भी जांच के दायरे में आ रहे हैं।
इसे लेकर राज्य सरकार ने एक जांच समिति का गठन किया है। अस्पताल में बंदी रखने में अनियमितता की भी सूचना प्राप्त हुई है। इस मामले में जांच पदाधिकारी के तौर पर निरीक्षालय प्रशासन के मनोज कुमार और मोहम्मद नसीम को जांच पदाधिकारी बनाया गया है।
इंसान नहीं हैवान है शाहिद अंसारी!
शाहिद अंसारी की हरकतों को सुनने के बाद कोई भी व्यक्ति उसे हैवान से कम नहीं कह रहा है। शाहीद धनबाद में पंचर ठीक करने का काम किया करता था। 15 अगस्त, 2017 को शाहिद और कुछ अन्य नाबालिग लड़कों ने मिलकर एक छात्रा के साथ दुष्कर्म कर उसे जान से मारने की कोशिश की थी। इस घटना के बाद पीड़िता की दादी की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था। इसकी सुनवाई के दौरान शाहिद को 2018 में जमानत मिली थी। बाहर आकर उसने 30 दिसंबर, 2018 को अपने ही पड़ोस में रहने वाली वृद्ध महिला से जेवर लूटने के दौरान उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद पोक्सो के विशेष न्यायालय ने 15 जनवरी, 2019 को उसे 20 साल की सजा सुनाई थी। इधर अपनी बीमारी के नाम पर झूठ बोलकर वह अस्पताल में भर्ती हुआ और मौका पाते ही हवलदार की हत्या कर वहां से आसानी से फरार हो गया।
सदमे में चौहान हेंब्रम का परिवार!
इधर हवलदार चोहन की हत्या के बाद उनके घर में मातम का माहौल है। एक जानकारी के अनुसार लगभग 20 वर्ष से चोहन हेंब्रम बेंगाबाद के बिशनी शरण स्थित अपनी ससुराल में रह रहे थे। उनका एक पुत्र महेश हेंब्रम 25 वर्ष का है जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहा है। उनकी बेटी स्वामी हेंब्रम 12वीं की पढ़ाई कर रही है। जैसे ही चौहान हेंब्रम के परिजनों को इस घटना की सूचना मिली सभी लोग स्तब्ध रह गए। पोस्टमार्टम के बाद चौहान हेंब्रम को जब उनके निवास स्थान पर भेजा गया तो उस वक्त भी उन्हें वह सम्मान नहीं दिया गया, जो एक पुलिसकर्मी को दिया जाना चाहिए।
भाजपा ने भी दी प्रतिक्रिया !
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड की धरती एक बार फिर से निर्दोष संथाल जनजातीय के खून से रक्त रंजित हो गई है। कौम विशेष के लोग सरकार के संरक्षण में सुनियोजित साजिश के तहत जनजातियों को खत्म करने पर तुले हैं। बांग्लादेशी घुसपैठियों के पक्ष में छाती पीटने वाले हेमंत सोरेन जनजातियों की हत्या पर चुप्पी साध लेते हैं। उन्होंने झारखंड पुलिस से तत्काल आरोपी को गिरफ्तार करने और उसे पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है।
झारखंड की धरती आज फिर एक निर्दोष संथाल आदिवासी के खून से रक्तरंजित हो गई। हजारीबाग के मेडिकल कॉलेज में तैनात संथाल आदिवासी हवलदार चोहन हेंब्रम की हत्या कर मो. शहीद अंसारी फरार हो गया।
कौम विशेष के लोग सरकार के संरक्षण में सुनियोजित साजिश के तहत आदिवासियों को खत्म करने पर तुले…
— Babulal Marandi (@yourBabulal) August 12, 2024
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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