पाकिस्तान और अफगानिस्तान के पूरे सीमांत क्षेत्र में इस वक्त असमंजसता और अराजकता का बोलबाला है। अभी दो दिन पहले जिहादी गुट टीटीपी के हत्थे चढ़ी और इसमें सात फौजियों से हाथ धोने वाली पाकिस्तानी फौज अब टीटीपी पर आसमान से निशाना साधने की फिराक में लड़ाकू विमान उड़ा रही है। यह वही टीटीपी है जिसके सिर पर अफगान तालिबान का हाथ है।
पिछले लंबे समय से जिन्ना के पाकिस्तान और अफगानिस्तान में तालिबान की बंदूकधारी इस्लामी सरकार के बीच जबानी जंग चली आ रही थी। दोनों के डूरंड लाइन को लेकर अलग अलग दावे टकरा रहे थे, एक—दूसरे को धमकाने और ‘हमारे इलाके खाली करो’ के फरमानों का दौर चल रहा था। लेकिन सीमा के उस पार से आईं ताजा खबरों ने न सिर्फ चौंकाया है बल्कि बांग्लादेश के बाद इस क्षेत्र में राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। खबर यह है कि पाकिस्तान के लड़ाकू विमान तालिबान के कब्जे वाले इलाकों के आसमान में मंडरा रहे हैं तो डूरंड लाइन के सीमांत इलाकों में तोपें गरज रही हैं। भयंकर जंग छिड़ चुकी है दोनों इस्लामवादी देशों में।
पता चला है कि तनाव का केन्द्र तोरखम का इलाका है। तनाव का कारण एक फौजी सीमा चौकी बनी है जिसे लेकर तालिबान तथा पाकिस्तान अपने दावे कर रहे हैं। विवाद बढ़ता गया तो दोनों जंग पर उतर आए हैं। ताजा हालात ये हैं कि पाकिस्तान के लड़ाकू जेट तालिबान को आसमान से घुड़कियां दे रहे हैं।
कुल मिलाकर हालत यह है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के पूरे सीमांत क्षेत्र में इस वक्त असमंजसता और अराजकता का बोलबाला है। अभी दो दिन पहले जिहादी गुट टीटीपी के हत्थे चढ़ी और इसमें सात फौजियों से हाथ धोने वाली पाकिस्तानी फौज अब टीटीपी पर आसमान से निशाना साधने की फिराक में लड़ाकू विमान उड़ा रही है। यह वही टीटीपी है जिसके सिर पर अफगान तालिबान का हाथ है।
अपने साथ जिहादी गुट पर इस हमले से चिढ़े सेना के इस कदम से तालिबानी सरकार भड़क उठी है और डूरंड लाइन पर दोनों तरफ से तोपें गरज रही हैं। बताया जा रहा है कि तोरखम सीमाई इलाके में पाकिस्तानी सेना और अफगान तालिबान के बीच यह लड़ाई चल रही है। इधर तालिबान के ‘गृह मंत्रालय’ का बयान है कि पाकिस्तानी फौज की गोलाबारी में तीन अफगानियों की हत्या हो गई है, जिनमें दो बच्चे और एक महिला है।
पाकिस्तान की इस ‘जुर्रत’ पर प्रतिक्रिया करते हुए तालिबानी प्रवक्ता जबीउल्लाह का कहना है कि तालिबान पाकिस्तान के फौजी लड़ाकू जेट के उनके आसमान में दाखिल होने की जांच में जुट गए हैं। पाकिस्तान के इन लड़ाकू विमानों के बारे में अफगानी लोगों ने ही तालिबानी बंदूकधारियों को खबर की थी कि वे कुनार तथा नांगरहार सूबों में मंडराते दिखे हैं। दोनों ही अफगानी सूबे हैं इसलिए तालिबान ने तैश में आकर जांच बिठाई है। तालिबान के प्रवक्ता का कहना है कि कोई भी देश अफगानी हवाई क्षेत्र में बिना इजाजत दाखिल नहीं हो सकता। अगर पाकिस्तान ने ऐसा किया है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पता चला है कि पाकिस्तान ने टीटीपी पर नजर डालने के लिए उक्त दो सूबों में सिर्फ लड़ाकू जेट ही नहीं, बल्कि अमेरिका से आए ड्रोन विमानों को भी अपने आसमान में उड़ने की अनुमति दी थी। उन्होंने भी अफगानी हवाई इलाके में टोही उड़ान भरी थी। अमेरिकी ड्रोन विमानों के इस प्रयास को लेकर भी तालिबानी लड़ाके नाराज थे।
दिलचस्प बात है कि कट्टर इस्लामवादी टीटीपी जिहादी पाकिस्तानी हुकूमत को इस्लामी नहीं मानते। वे तो इस्लामाबाद के इतने विरोधी है कि कैसे भी काबुल की तर्ज पर उस पर कब्जा करने की जुगत भिड़ा रहे हैं। वे पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान आदि इलाकों में सेना पर हिंसक हमले करके उसे ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। उनकी हिंसक कार्रवाइयों में पाकिस्तान के अनेक फौजी और आम लोग मारे जा चुके हैं।
अब डूरंड लाइन की वैधता को लेकर शुरू हुई यह जंग कब खत्म होगी, कहा नहीं जा सकता। तालिबान डूरंड लाइन को नहीं मानते और पाकिस्तान के कई सीमांत इलाकों को अफगानिस्तान का हिस्सा मानते हैं। इसे लेकर दोनों पक्षों में सुलह के फिलहाल कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
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