उत्तराखंड पुलिस यदि गंभीरता से बाहर से लोगो का सत्यापन करे तो बड़ी संख्या में बंग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों को अपने राज्य में पाएंगे। हरिद्वार जिले में रुड़की के सिविल लाइंस ढडेरा थाना क्षेत्र में एक दुकान पर काम करने वाले व्यक्ति के बारे में मुखबरी मिलने पर पुलिस ने पूछताछ की तो जानकारी मिली कि उसका नाम रहीमुल है और उसका मूल निवास वात्सुमल गांव हाकिमपुर तहसील नूरदीप पवना राजशाही खुलमा बांग्लादेश निकला। पूछताछ में रहीमुल ने अपनी उम्र 43 वर्ष बताई और यह भी बताया कि वह तीन महीने से यहां रह रहा है।
जिस दुकान के पास से उसे गिरफ्तार किया गया है वहां आसपास कैंट एरिया भी है। पुलिस ने बिना वीजा बिना पासपोर्ट के यहां रहने पर कई सवाल पूछे किंतु उसने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिए,जिसके बाद उसे खुफिया विभाग के हवाले कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि हरिद्वार जिले में पिछले दो सालों में तीन बांग्लादेशी पकड़े जा चुके हैं, जिनमे से एक का कनेक्शन तो अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक संगठन से था।
रुड़की और नजदीक पीरान कलियर में बड़ी संख्या में संदिग्ध बांग्लादेशी मुस्लिमो के साथ साथ रोहिग्या मुस्लिमो के नाम और भेष बदल कर रहने की चर्चा रहती आई है। हरिद्वार पुलिस यदि गंभीरता से इनका सत्यापन करे तो बाहरी देशों के मुस्लिम अपनी भाषा पहनावे से पकड़ में आ जाएंगे। इन लोगो के ज्यादातर आधार कार्ड या दस्तावेज पश्चिम बंगाल असम त्रिपुरा के बने हुए बताए जाते है।
एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल ने बताया कि रुड़की से गिरफ्तार व्यक्ति रहीमुल से हमारी एजेंसियां पूछताछ कर रही है। वो यहां अपनी पहचान छुपा का रह रहा था,जांच अभी चल रही है कि वो कब से यहां रह रहा था कहां से यहां तक पहुंचा?
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