दिल्ली नगर निगम (MCD) द्वारा 30 स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है, जो शहर के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद कदम माना जा रहा है। एमसीडी ने 60 स्कूलों को मिलाकर 30 स्कूल बनाने का फैसला किया है, जिससे स्कूलों के विलय की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस कदम को लेकर राजनीतिक दलों के बीच विरोधाभास और असंतोष भी उभरकर सामने आया है।
एमसीडी के आदेश का कारण और प्रक्रिया
9 अगस्त को जारी आदेश में एमसीडी ने स्कूलों के विलय की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए हैं। इस प्रक्रिया में स्कूलों को मिलाकर नए शिक्षण संस्थान बनाए जाएंगे, जिनमें अधिक शिक्षक और गैर-शिक्षक कर्मचारियों के स्थानांतरण या समायोजन के प्रस्ताव भी शामिल हैं। एमसीडी का मानना है कि स्कूलों के बुनियादी ढांचे के पुनर्विकास के बाद, पर्याप्त जगह उपलब्ध हो गई है, जिससे दोहरी शिफ्ट में चल रहे स्कूलों को एक सामान्य शिफ्ट में लाया जा सकेगा। महापौर कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि किसी भी स्कूल को बंद या स्थानांतरित नहीं किया जाएगा, बल्कि छात्रों को उसी स्थान पर बेहतर सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी।
भाजपा की चिंता
भाजपा ने इस आदेश की आलोचना की है। विपक्ष के नेता और भाजपा पार्षद राजा इकबाल सिंह ने कहा कि स्कूलों के विलय से गरीब बच्चों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने इस निर्णय को एमसीडी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में गिरावट और छात्रों की संख्या में कमी का संकेत बताया। सिंह का दावा है कि एमसीडी में करीब 4000 शिक्षकों की कमी है, और इस मुद्दे पर कोई प्रयास नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 2021-22 तक एमसीडी स्कूलों में कुल छात्र संख्या लगभग 8 लाख थी, जो अब घटकर 6.5 लाख रह गई है।
सिंह ने इस मुद्दे को सदन की अगली बैठक में उठाने और मेयर शेली ओबेरॉय से स्पष्टीकरण मांगने की बात कही। उनका सवाल है कि 250 से अधिक विद्यार्थियों वाले स्कूलों का विलय क्यों किया गया, जबकि आप सरकार ने अपने विश्वस्तरीय शिक्षा मॉडल की बड़ी चर्चा की है।
मेयर कार्यालय की प्रतिक्रिया
मेयर कार्यालय ने भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि दोहरी शिफ्टों में चलने वाले 26 जोड़ी स्कूलों को विलय किया गया है, ताकि बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ स्कूलों का पुनर्निर्माण किया जा सके। यह निर्णय छात्रों, अभिभावकों, और कर्मचारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, और इससे शिक्षा में सुधार की उम्मीद है। महापौर कार्यालय ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति और न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुसार सह-शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा, जिसे इस विलय प्रक्रिया के माध्यम से हासिल किया जा सकता है।
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