कांग्रेस नेता और पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह की शनिवार की रात को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। उन्होंने गुरुग्राम की मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे 93 वर्ष के थे। कल 12 अगस्त को लोधी रोड स्थित श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके इस निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है।
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पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स के जरिए कहा, “नटवर सिंह ने डिप्लोमेसी और विदेश नीति की दुनिया में अहम योगदान दिया। वह अपनी बुद्धि के साथ-साथ बेहतरीन लेखन के लिए भी जाने जाते थे। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं।”
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कौन हैं नटवर सिंह
गौरतलब है कि राजस्थान के भरतपुर में 16 मई 1931 में जन्में नटवर सिंह ने अपने कैरियर की शुरुआत भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी के तौर पर की थी। वे शाही परिवार से ताल्लुक रखते थे। वे पाकिस्तान, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत रहे। बाद में उन्होंने वर्ष 1984 कांग्रेस में शामिल हो गए और कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और सांसद बन गए। 2004 में उन्हें यूपीए-1 के कार्यकाल के दौरान उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया था। हालांकि, वर्ष 2005 में ‘ऑयल फॉर फू़ड’ घोटाले में उनका नाम आने के बाद उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
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उन्हें वर्ष 1984 में उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म भूषण से सम्मानित किया था। उन्होंने कई किताबें और संस्मरण भी लिखी हैं। उनकी आत्मकथा ‘वन लाइफ इज नॉट इनफ’ काफी पॉपुलर है, जिसमें उन्होंने अपने जीवन और राजनीतिक अनुभवों के बारे में विस्तार से लिखा है।
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