वर्ष 2020 के नवंबर माह में कन्वर्जन पर रोक लगाने के लिए पहले अध्यादेश लाया गया था। उसके कुछ समय बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश गैर कानूनी धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 विधानसभा के दोनों सदनों से पारित कराया। तब से यह कानून अस्तित्व में है। इस कानून के बन जाने के बाद लालच, धमकी या अन्य किसी तरीके से कन्वर्जन कराने वाले सलाखों के पीछे भेजे गए। इस बार के मानसून सत्र में उत्तर प्रदेश की विधानसभा ने कन्वर्जन कानून को और सख्त बनाने के लिए उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक, 2024 भी पारित किया। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार का कहना है कि कन्वर्जन के दोषी को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
उत्तर प्रदेश में कन्वर्जन कानून के अंतर्गत अभी तक 1682 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। अभी तक की जानकारी के अनुसार, इस कानून के अंतर्गत 835 एफआईआर दर्ज की गई है। इस कानून के अंतर्गत अभी तक 2708 लोगों को नामजद किया गया है। कन्वर्जन के सबसे अधिक मामले अम्बेडकर नगर, गाजियाबाद, सहारनपुर, शाहजहांपुर , भदोही आदि जनपदों में दर्ज किये गए हैं। जानकारी के अनुसार, 98 प्रतिशत मुकदमों में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया गया है। इसमें मुकदमों की कुल संख्या 818 है. शेष 17 मुकदमों में विवेचना अभी प्रचलित है।
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