श्रीनगर, 9 अगस्त (हि.स.)। चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव और केंद्र शासित प्रदेश के पुलिस प्रमुख के साथ विचार-विमर्श किया। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हम जल्द से जल्द चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें यकीन है कि जम्मू-कश्मीर के लोग विघटनकारी ताकतों को करारा जवाब देंगे।
अधिकारियों ने बताया कि अपने दौरे के दूसरे दिन मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और एसएस संधू वाले चुनाव आयोग के प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अटल डुल्लू और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी आरआर स्वैन के साथ चर्चा की। चुनाव के संचालन के लिए ईसीआई ने प्रशासन के साथ-साथ सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि ईसीआई टीम ने चुनाव के लिए सुरक्षाबलों की तैयारी पर डीजीपी से फीडबैक मांगा। अधिकारियों ने बताया कि बलों की तैनाती, उम्मीदवारों को सुरक्षा कवर प्रदान करने और प्रचार के दौरान सुरक्षा के मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक के बाद ईसीआई टीम जम्मू के लिए रवाना हो गई, जहां वह प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठक करेगी। यह समीक्षा प्रक्रिया पर मीडिया को जानकारी देने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेगी।
गुरुवार को अपने दौरे के पहले दिन चुनाव आयोग की टीम ने उन राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श किया, जिन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में तत्काल चुनाव कराने की मांग की। पिछले 10 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव होगा। जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2014 से विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं। वर्ष 2018 में तत्कालीन राज्य के विधायी निकाय के विघटन के बाद चुनाव 2019 की शुरुआत में होने थे। हालांकि, अगस्त 2019 में जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के बाद, 2022 में पूरा होने वाले परिसीमन अभ्यास सहित विभिन्न कारणों से विधानसभा चुनाव नहीं हो सके।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में केंद्र को इस साल 30 सितंबर तक चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया था।
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