कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस ने कई सारे लोक लुभावन वादे किए थे। इन्हीं लोकलुभावन वादों के दम पर उन्होंने बहुमत हासिल किया था। लेकिन अब सामने आया है कि सरकार के एक साल पूरे होने तक केवल 3 फीसदी वादे ही पूरे किए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरू स्थित एनजीओ सिविक ने सिटिजन रिपोर्ट कार्ड नाम से जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी ने कुल 59 वादे किए थे। इसमें रोजगार, उद्योग, पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य के मुद्दे शामिल थे। सिविक एनजीओ इनमें से केवल दो वादे ही पूरे किए वादों पर काम चल रहा था। इनमें से 10 वादे ऐसे हैं कि पूरा करने के लिए काम चल रहा है।
फिलहाल 17 फीसदी चुनावों पर काम चल रहा है। जबकि कुल 42 वादे ऐसे हैं कि जिनपर अभी तक कोई काम शुरू ही नहीं हुआ है। 71 फीसदी वादों पर सरकार अभी तक जनता को कुछ भी नहीं दे पाई है। स्वास्थ्य के हिसाब से देखें तो कांग्रेस सरकार ने अस्पतालों में खाली पदों पर भर्ती करने का ऐलान किया था, लेकिन अभी तक इस पर कोई काम नहीं शुरू हुआ है। इसके साथ ही हाईवे पर 100 किलोमीटर के दायरे में ट्रामा सेंटर, जयदेवा जैसी हार्ट हॉस्पिटल, कैंसर अस्पताल और AIMHANA की तरह ही मानसिक अस्पताल का वादा किया था। हालांकि, अभी तक कुछ नहीं हो सका है।
गरीब छात्रों की फीस माफी का वादा भी अधूरा
सिविक रिपोर्ट में कहा गया है कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे वाले छात्रों की फीस माफ करने का भी वादा किया गया था। लेकिन, उस दिशा में अब तक कोई भी काम नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की सरकार ने खनन माफियाओं पर रोक लगाने के लिए कोई काम नहीं किया है। यहीं नहीं राज्य सरकार खनन माफियाओं पर लगाम लगाने में अब तक विफल रही है।
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