नई दिल्ली, हि.स.)। 1984 सिख विरोधी दंगों के जनकपुरी से जुड़े मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में बुधवार को सज्जन कुमार के खिलाफ किसी भी गवाह का बयान दर्ज नहीं हो सका। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को करने का आदेश दिया।
बुधवार को दो गवाहों कंवलजीत कौर और बलविंदर कौर धालीवाल के बयान दर्ज होने थे। जांच अधिकारी ने बताया कि गवाह कंवलजीत कौर शादी में अपने गांव गयी हुई है, इसलिए वो कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सकी है। दूसरी गवाह बलविंदर कौर धालीवाल फिलहाल फिरोजपुर में सीनियर डिवीजन सिविल जज हैं। फिरोजपुर के डिस्ट्रिक्ट जज ने ई-मेल कर ये कहा है कि धालीवाल की गवाही से एक महीने पहले सूचना दी जाए और उनका बयान पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के वीडियो कांफ्रेंसिंग रुल्स के तहत वीडियो कांफ्रेंसिंग करायी जाए। आज इस मामले के सरकारी वकील भी छुट्टी पर थे, जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टाल दी। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष से ये पूछा कि सुनवाई की अगली तिथि को वे बताएं कि क्या वे बलविंदर कौर धालीवाल का बयान दर्ज करना चाहते हैं कि नहीं।
उल्लेखनीय है कि 19 जुलाई को गवाह तेजेंद्र सिंह के बयान दर्ज किए गए थे। इसके पहले 11 जनवरी को गवाह हरजीत कौर के बयान दर्ज किए गए थे। 7 दिसंबर 2023 को दो गवाहों तिलक राज नरुला और इंद्रजीत सिंह ने अपने बयान दर्ज कराए थे। 09 नवंबर 2023 को गवाह मंजीत कौर ने अपने बयान दर्ज कराए। अपने बयान में मंजीत कौर ने कहा कि मैंने भीड़ के लोगों से सुना था कि सज्जन कुमार भीड़ में शामिल थे, लेकिन सज्जन कुमार को आंखों से नहीं देखा था। कोर्ट ने 12 अकटूबर 2023 को दो गवाहों के बयान दर्ज किए थे। 21 सितंबर 2023 को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ हत्या के आरोपित से जुड़े गैरजरूरी दस्तावेजों और गवाहों के बयान को रिकॉर्ड से हटाने का आदेश दिया था।
23 अगस्त 2023 को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय कर दिया था। कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 153A, 295, 149, 307, 308, 323, 325, 395, 436 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। हालांकि कोर्ट ने एसआईटी द्वारा सज्जन कुमार के खिलाफ लगाई गई हत्या की धारा 302 को हटाने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि सज्जन कुमार इस केस में हिरासत में नहीं हैं, सज्जन कुमार इस मामले में जमानत पर हैं।
मामला जनकपुरी का है। दरअसल सिख दंगा के दौरान जनकपुरी में दो सिखों सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की 1 नवंबर, 1984 को हत्या हुई थी। जबकि विकासपुरी पुलिस स्टेशन के इलाके में गुरुचरण सिंह को जला दिया गया जिसकी वजह से उनकी मौत हुई थी। इन दोनों मामलों मे 2015 में एसआईटी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। इसके लिए मई 2018 में सज्जन कुमार का पॉलीग्राफ भी किया जा चुका है।
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