रांची, (हि.स.)। झारखंड हाई कोर्ट ने रांची एसएसपी को खुले में मोहल्लों या सार्वजनिक स्थलों पर गोवंश मांस की बिक्री पर कड़ी करवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने बुधवार को मौखिक कहा कि रांची में सार्वजनिक स्थलों पर गोवंश मांस की बिक्री होना दुर्भाग्यपूर्ण है। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि वे खुले में गोमांस की बिक्री होने की बात का सत्यापन करेंगे। इससे पूर्व याचिकाकर्ता की ओर से डोरंडा के कुछ मोहल्ले में खुलेआम गोवंश मांस की बिक्री का फोटोग्राफ प्रस्तुत किया गया था।
कोर्ट ने रांची एसएसपी से पूछा कि झारखंड गो जातीय पशु वध निषेध अधिनियम 2005 के तहत रांची में क्या कार्रवाई की गई है, इसकी जानकारी दें। इससे पहले सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि रांची शहर में अवैध रूप से संचालित 70 से अधिक मीट शॉप विक्रेताओं पर कार्रवाई की गई है, जिस पर कोर्ट ने मौखिक कहा कि खुलेआम रांची में गोवंश मांस की बिक्री हो रही है। इस बात को कोर्ट से छुपाया गया है।
राजधानी रांची सहित राज्य में मांस विक्रेताओं द्वारा दुकान के बाहर कटे हुए बकरा एवं मुर्गियों को खुले में प्रदर्शित किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में हुई। मामले में कोर्ट ने मौखिक कहा कि कोर्ट के आदेश का पालन चिकन एवं मीट दुकान संचालक नहीं कर रहे हैं। ये विक्रेता काले शीशे का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। कई मीट शॉप विक्रेता बिना लाइसेंस के ही अपनी दुकान चला रहे हैं। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शुभम कटारुका ने पक्ष रखा।
याचिकाकर्ता श्यामानंद पांडे की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि रांची शहर सहित राज्य में मीट विक्रेता बाहर खुले में कटे हुए बकरा एवं मुर्गियों को प्रदर्शित करते हैं। यह एफआईसीसीआई के रूल एंड रेगुलेशन के खिलाफ है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट एवं विभिन्न हाई कोर्ट के गाइडलाइन के विपरीत है। इसलिए इसे रोका जाना चाहिए।
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