मध्य प्रदेश

MP हाई कोर्ट ने वकील को लगाई फटकार: “फिर तो आप कहेंगे ताजमहल, लाल किला और पूरा भारत वक्फ बोर्ड का है

Published by
Mahak Singh

हाल ही में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में वक्फ बोर्ड से जुड़ी प्रॉपर्टी के मामले में एक अहम सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया ने वकील को कड़ी फटकार लगाई और कहा, “फिर तो आप कहेंगे ताजमहल, लाल किला और पूरा भारत वक्फ बोर्ड का है।” जज की यह टिप्पणी तब आई जब वकील वक्फ बोर्ड के अंतर्गत प्रॉपर्टी को लाने के संबंध में स्पष्ट जवाब देने में असमर्थ रहे।

क्या था मामला?

वक्फ बोर्ड मुस्लिम संपत्तियों के प्रबंधन और संरक्षण के लिए जिम्मेदार है। इस मामले में, वक्फ बोर्ड ने कुछ प्रॉपर्टियों को अपने अधीन करने का दावा किया था। जब कोर्ट ने वकील से पूछा कि ये प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड के अधीन कैसे घोषित की गईं, तो वकील संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इस पर जस्टिस अहलूवालिया नाराज हो गए और उन्होंने कहा, “अगर इसी तरह से प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड को दी जाती रही, तो कल को ताजमहल और लाल किला भी वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी घोषित कर दी जाएगी।”

जस्टिस अहलूवालिया की तीखी टिप्पणी

जस्टिस अहलूवालिया ने वकील से स्पष्ट सवाल पूछे: वक्फ की प्रॉपर्टी कैसे घोषित हो गई और इसका असली मालिक कौन था? उन्होंने यह भी कहा कि ऐतिहासिक स्मारकों का संरक्षण सरकार द्वारा ही किया जाना चाहिए और इन्हें किसी एक समुदाय या संगठन की संपत्ति के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उनकी यह टिप्पणी इस मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म देती है कि ऐतिहासिक धरोहरों का प्रबंधन और संरक्षण कैसे किया जाना चाहिए।

इस घटना ने वक्फ बोर्ड से जुड़ी प्रॉपर्टी के मामलों में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को उजागर किया है। ऐतिहासिक धरोहरों की बात करते समय उनका संरक्षण और प्रबंधन एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा बन जाता है। जस्टिस अहलूवालिया की टिप्पणी ने इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा को प्रेरित किया है कि इन धरोहरों का मालिकाना हक किसके पास होना चाहिए और इन्हें कैसे संरक्षित किया जाना चाहिए।

 

Share
Leave a Comment
Published by
Mahak Singh