पड़ोसी देश बांग्लादेश में हजारों की संख्या में इस्लामी कट्टरपंथियों ने ढाका पर कब्जा कर लिया। प्रधानमंत्री आवास ‘गणभवन’ में लूटपाट और आगजनी की। इसके अलावा मंत्रियों के आवासों पर भी तोड़फोड़ और आगजनी की गई। इस्लामी कट्टरपंथियों ने ढाका में लगी बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की प्रतिमा पर चढ़कर उसे भी तोड़ दिया। अब देश में सियासी संकट के बीच प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी ने बड़ा ऐलान किया है। उसने अपने समर्थकों से अपील की है कि शेख हसीना जिस भी देश में रुकें, ढाका में उसके दूतावास का घेराव किया जाए। शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं।
क्या है जमात-ए-इस्लामी
बांग्लादेश में जमात-ए-इस्लामी एक कट्टरपंथी राजनीतिक संगठन है, जिस पर हाल ही में शेख हसीना सरकार ने प्रतिबंध लगाया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हसीना सरकार के इस फैसले को कट्टरपंथी संगठन ने उस वक्त भुनाया जब बांग्लादेश प्रदर्शन की आग में जल रहा था। जमात-ए-इस्लामी संगठन खुलकर प्रदर्शनकारियों के साथ सड़क पर उतर आया और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। बांग्लादेश में जमात-ए-इस्लामी को पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के समर्थक के रूप में जाना जाता है। इसकी स्थापना 1941 में ब्रिटिश शासन के तहत अविभाजित भारत में हुई थी। वर्ष 2018 में हाई कोर्ट के एक फैसले को मानते हुए चुनाव आयोग ने जमात का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था, जिसके बाद यह पार्टी चुनाव लड़ने लायक नहीं रह गई थी। संभवत: कट्टरपंथी संगठन के प्रदर्शन और देश में सियासी संकट के कारण ही बांग्लादेश के राष्ट्रपति मुहम्मद शहाबुद्दीन ने खालिदा जिया की रिहाई का आदेश दिया है।
हिंदुओं को निशाना बनाता रहा है
बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमलों में कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी का नाम आता रहा है। इसके साथ ही मानवाधिकार संस्थान एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि बांग्लादेश में जमात-ए-इस्लामी की ओर से लगातार हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है।
चार मंदिरों पर हमला
मुस्लिम बहुल देश बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक हैं। पिछले कुछ सालों में यहां पर हिंदुओं पर हमले की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इस्लामी कट्टरपंथियों ने इस बार भी प्रदर्शन की आड़ में हिंदुओं और मंदिरों को निशाना बनाया। जुलाई 2024 से जारी हिंसा में हिंसक भीड़ ने ढाका स्थित इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र और चार हिंदू मंदिरों पर भी हमले किए। बताया जा रहा है कि देश में चार हिंदू मंदिरों में हमले हुए हैं। शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद हिंदू समुदाय में डर का माहौल है।
बता दें कि शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश का भविष्य कैसा होगा, इसको लेकर स्थिति साफ नहीं हो पा रही है। सेना ने देश में अंतरिम सरकार बनाने का फैसला किया है। ऐसे में सैन्य शासन लंबा चलता है या फिर जल्द ही चुनाव होंगे, इस बारे में अभी कुछ स्पष्ट नहीं है।
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