देहरादून । एक संवाद कार्यक्रम में एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि कॉमन सिविल कोड (यूसीसी) राज्य स्थापना दिवस यानी 9 नवंबर से पहले लागू हो जाएगा। सीएम धामी ने कहा कि यूसीसी को लेकर पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघन सिंह की अध्यक्षता में कमेटी विभिन्न विभागों की समीक्षा का कार्य कर रही है। इसकी वह खुद भी निगरानी कर रहे हैं।
केदारनाथ में रास्ते बह जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि केदारनाथ के रास्ते में और केदार नगरी में करीब बारह हजार तीर्थ यात्री फंसे हुए थे, जिन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर उनके गंतव्य स्थानों पर भेज दिया गया है। अब हम रास्ता दुरुस्त करने का काम कर रहे हैं, जिसके लिए केंद्रीय एजेंसियों का और सेना का भी सहयोग मिल रहा है। हम अगले एक सप्ताह में केदारनाथ के लिए रास्ता फिर से खोल देंगे।
विकास में पर्यावरण बाधक न बने, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में लोग हरेला पर्व प्रकृति पूजन के लिए मनाते हैं। हम पेड़ लगाते हैं, इस साल हरेला के दिन एक करोड़ पेड़ लगाए गए। मैंने मां के नाम से और मेरी मां ने अपनी मां के नाम से पेड़ लगाकर पीएम मोदी के आह्वान को पूर्ण किया।
उत्तराखंड के नगरों में तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों की बढ़ती भीड़ को कैसे संभाला जाएगा इस सवाल के जवाब में सीएम धामी ने कहा कि हम ऐसे पर्यटन स्थलों का, तीर्थस्थलों का सर्वे करके अगले 25 सालों के लिए मास्टर प्लान बना रहे हैं। इस योजना पर काम शुरू भी करवा दिया गया है।
एक सवाल के जवाब में सीएम धामी ने कहा कि आदि कैलाश यात्रा में उत्साह देखा जा रहा है। लिपुपास सड़क बन जाने से यहां से कैलाश मानसरोवर के दर्शन उत्तराखंड की सीमा से भी हो जाएंगे।
उत्तराखंड में पावर सेक्टर को मजबूती देने के लिए धामी ने कहा कि 21 पावर प्रोजेक्ट्स को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई समिति ने अपनी रिपोर्ट में एनओसी दे दी है। इसके अलावा हमने सोलर पावर प्रोजेक्ट्स और सूरज किरण प्रोजेक्ट्स के जरिए भी राज्य में ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाकर उसे अपने राज्य की आय के स्रोत से जोड़ देना है।
अतिक्रमण हटाओ अभियान पर एक बार फिर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि हम किसी धर्म-जाति को टारगेट नहीं कर रहे। हम सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटा रहे हैं और ये अभियान जारी रहेगा।
नकल विरोधी अध्यादेश पर कहा कि हमारे इस सख्त कानून से 15 हजार युवाओं को पारदर्शिता के साथ नौकरी मिली है। अब इस कानून को सारे देश को जरूरत है। उम्मीद है कि अन्य राज्य भी इसे अपनाएंगे क्योंकि ये युवाओं के भविष्य को तय करेगा ही साथ साथ देश को राज्यों को प्रतिभाशाली लोग कामकाज के लिए मिलेंगे।
केदारनाथ में हेली सेवाओं से पहुंचाया गया पशुओं का चारा
सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रशासन इंसानों के साथ ही पशुओं के लिए भी संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रहा है। पशु चिकित्सा विभाग द्वारा यात्रा मार्गों पर फंसे हुए घोड़े- खच्चरों के लिए साढ़े चार टन पशु चारा हेलीकॉप्टर के माध्यम से पहुंचाया गया है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ आशीष रावत ने बताया कि गौरीकुंड क्षेत्र के पशुपालकों के लिए चीरबासा हेलीपैड पर साढ़े चार टन पशु चारा अब तक पहुंचाया जा चुका है। घोड़े-खच्चर संचालक अपने पशुओं का लाइसेंस या अन्य प्रपत्र चीर बासा हेलीपैड पर प्रशासन की टीम को दिखाकर पशु आहार प्राप्त किया है।
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