चंडीगढ़ के जिला न्यायालय में पंजाब पुलिस के पूर्व अधिकारी ने को गोलियों से भून दिया। गंभीर अवस्था में अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के अनुसार, दोनों परिवारों के बीच कुछ महीने से घरेलू विवाद चल रहा था। इस मामले में दोनों पक्ष शनिवार को चंडीगढ़ पारिवारिक न्यायालय में तीसरी बार मध्यस्थता के लिए पहुंचे थे। करीब डेढ़ महीने पहले ही न्यायालय में दोनों पक्षों के बीच समझौता करवाने के लिए एक अधिवक्ता धीरज ठाकुर को नियुक्त किया था।
शनिवार को करीब 12 बजे ही लड़के पक्ष की तरफ से भारतीय राजस्व अधिकारी हरप्रीत सिंह अपने माता-पिता के साथ समझौता लिखकर फैमिली कोर्ट में पहुंच गए थे। लड़की पक्ष वाले करीब डेढ़ बजे कोर्ट में पहुंचे थे। मध्यस्थ अधिवक्ता द्वारा दोनों पक्षों के बीच समझौते को लेकर बातचीत की जा रही थी। इसी दौरान रिटायर आईजी मलविंदर सिंह सिद्धू ने बाथरूम जाने की बात कही। अधिवक्ता ने उन्हें कमरे में से ही बाहर शौचालय जाने का रास्ता बताया लेकिन दामाद हरप्रीत सिंह ने कहा कि चलिए वह बाथरूम का रास्ता दिखा देते हैं। हरप्रीत अपने ससुर को लेकर मीडिएशन कमरे से बाहर आए तो कुछ सेकेंड बाद ही बाहर से गोली चलने की आवाज आने लगी। एक के बाद एक चार-पांच गोलियां चलने की आवाज आई। जब वकील ने कमरे में से बाहर देखा तो सिद्धू हाथ में बंदूक लिए अपने दामाद पर गोलियां चला रहे थे। अधिवक्ता ने कमरे में अंदर से कुंडी लगा ली और सभी लोग टेबल के नीचे छिप गए। एक गोली मीडिएशन वाले कमरे के दरवाजे की तरफ भी चली। गोलियों की आवाज सुनकर आसपास के अन्य कर्मचारी व वकील एकत्र हो गए और उन्होंने एआईजी को पकड़कर एक कमरे में बंद कर दिया। सूचना पाते ही कोर्ट की सिक्योरिटी सहित स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और घायल हरप्रीत सिंह को सेक्टर-16 अस्पताल लेकर गई, लेकिन बीच रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। घटनास्थल पर पुलिस अफसरों के अलावा एफएसएल की टीमें जांच कर रही हैं। गोली लगने वाली जगह को पुलिस ने सील कर दिया है। जिला कोर्ट के शासन जज सहित अन्य कई न्यायाधीश भी मौके पर पहुंचे हैं। रिटायर्ड एआईजी सिद्धू पहले भी विवादों में रह चुके हैं। पिछले साल वे भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार हुए थे। गिरफ्तारी के दौरान उन्होंने पुलिस के साथ हाथापाई की थी। तब भी उन्होंने अपने दामाद पर आरोप लगाए थे।
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