ईरान की राजधानी तेहरान के उत्तर में उस गेस्ट हाउस के चारों तरफ ईरानी फौज का इलाका है। इसकी हिफाजत ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड के पास है जो बहुत जालिम फौज मानी जाती है। अगले दिन यानी बुधवार की रात हानिया का काम तमाम किया गया था।
फिलिस्तीन के जिहादी संगठन हमास के सरगना इस्माइल हानिया की ईरान में मौत को लेकर अब पाकिस्तानी जिहादी मसूद अजहर ने एक नई थ्योरी सामने रखी है। उसका कहना है कि हानिया की हत्या में ईरान का हाथ हो सकता है। हानिया वहां सुरक्षित पनाह में रह रहा था, लेकिन जहां वह ठहरा था उस पूरे घर को आईईडी धमाके ने उड़ा डाला था जिसमें जिहादी हानिया मारा गया।
बताया गया है कि जिहादी सरगना हानिया ईरान में एक गेस्ट हाउस में ठहरा हुआ था। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड उसकी हिफाजत के जिम्मेदार थे। लेकिन उसकी मौत देखते ही देखते हो गई। हानिया के मरने के फौरन बाद ईरान द्वारा हानिया की मौत के लिए इस्राएल पर दोष मढ़ा है।
लेकिन पड़ोसी जिन्ना के कंगाल और आतंकवाद को पोसने वाले कट्टर इस्लामी देश में सरकार की कथित हिफाजत में पल रहा जिहादी मसूद अजहर कह रहा है कि हानिया को इस्राएल ने नहीं, ईरान ने मारा होगा। मसूद भारत का वांछित अपराधी है, लेकिन पाकिस्तान में खुलेआम तकरीरें करता है। हमास के सरगना जिहादी इस्माइल हानिया के मरने पर अपने शोक संदेश में मसूद ने ईरान को हत्या का जिम्मेदार कहा है।
पाकिस्तान की जमीन पर मौजूद जिहादी गुट जैशे-मोहम्मद के इस जिहादी ने गाजा के जिहादी हानिया को ‘गाजा के सुल्तान अल-फातिह’ कहते हुए लोगों को तब हैरान कर दिया जब उसने कहा कि हानिया की हत्या के षड्यंत्र में ईरान की संलिप्तता हो सकती है।
मसूद अजहर ने ऐसा कहते हुए सावधानी बरती और ईरान का सिर्फ हाथ होने का शक जताया। मारे गए हानिया को ईरान द्वारा सुन्नी तरीके से दफनाने से इनकार के बाद, उसके शव को कतर की राजधानी दोहा में दफनाया गया।
उल्लेखनीय है कि ईरान पर उंगली अकेले पाकिस्तानी जिहादी मसूद अजहर ने ही नहीं उठाई है। मसूद के इस ‘खुलासे’ से पहले बंदूकधारी इस्लामी तालिबान का सरगना अब्दुल हमीद खुरासानी भी ईरान को कठघरे में खड़ा कर चुका है। हमीद का कहना था कि आखिर ईरान तथा इस्राएल एक ही सिक्के के दो पहलू ही तो हैं। हमीद हानिया की हत्या में किसी ‘अंदरूनी’ हाथ का शक जता चुका है।
माना जा रहा है कि पहले तालिबानी हमीद और अब जिहादी मसूद का ऐसा कहना इस क्षेत्र में सियासी मुश्किलें बढ़ा सकता है।
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हमास का सरगना हानिया गत मंगलवार को ईरान के नए राष्ट्रपति को शपथ दिलाने के समारोह में गया था। उसके बाद वह एक गेस्ट हाउस में ठहरा था। ईरान के उत्तर में इस गेस्ट हाउस के चारों तरफ ईरानी फौज का इलाका है। इसकी हिफाजत ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड के पास है जो बहुत जालिम फौज मानी जाती है। अगले दिन यानी बुधवार की रात हानिया का काम तमाम किया गया था।
ईरान तथा मध्य पूर्व के विशेषज्ञों को उद्धृत करते हुए अमेरिका के अखबार न्यूयार्क टाइम्स ने लिखा है कि इस्माइल हानिया अपने कमरे में ही छुपाकर रखे गए आईईडी से उड़ाया गया था। बताया गया है कि इस घटना से दो महीने पहले इस विस्फोटक को उस जगह छुपाकर जमा दिया गया था। उसी में हानिया को ठहराया गया था। रिमोट से उसके कमरे में रखे विस्फोटक को उड़ा दिया गया।
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