गत 26 जुलाई को गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री प्रभात झा का निधन हो गया। वे कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। भाजपा में जाने से पहले प्रभात जी की पहचान एक पत्रकार के नाते थी। बात आपातकाल हटने के बाद की है। प्रभात जी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेतृत्व की निगाह पड़ी। इसके बाद उन्होंने ‘स्वदेश’ के तत्कालीन संपादक श्री राजेंद्र शर्मा के मार्गदर्शन में कलम पकड़ी। बाद में प्रभात झा और स्वदेश एक-दूसरे के पूरक बन गए।
1993 में प्रभात जी स्वदेश के दायित्व से मुक्त होकर संगठन की योजना से भाजपा में गए। वे भाजपा के मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद भी रहे। इसके बाद भी स्वदेश से उनका संबंध पहले जैसा ही रहा। अयोध्या आंदोलन के दौरान प्रभात जी स्वदेश, ग्वालियर में कार्यरत थे। 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी ढांचा गिरा। उस दिन प्रभात जी वहीं थे। ढांचा गिरने के बाद वे कड़ाके की ठंड में मोटरसाइकिल से ग्वालियर के लिए निकले। वे वहां की फोटो लेकर आए थे। रिपोर्ट भी उन्होंने लिखी थी। ऐसा साहस प्रभात जी ही कर सकते थे।
प्रभात जी एक पत्रकार के नाते क्या भाजपा, क्या कांग्रेस, क्या वामपंथी, सबकी खबर ले लेते थे। पर व्यक्तिगत संबंध उतने ही मधुर। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हों या उसी कार्यालय का कर्मचारी, प्रभात जी उसके हैं यह विश्वास उन्होंने कमाया। अभी-अभी लगभग एक माह पहले ही प्रभात जी स्वदेश कार्यालय आए थे। उनका विचार था कि उनके पुराने आलेख, खोजी रपट, साक्षात्कार और विश्लेषण जो स्वदेश में प्रकाशित हुए हैं उनको एक पुस्तक का आकार दिया जाए। उनका यह भी सुझाव था कि आयोजन में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करेंगे। मैं उत्साहित था। काम भी शुरू किया था। पर अब?
प्रभात जी का जन्म 4 जून, 1957 को उनके ननिहाल हरिहरपुर, जिला दरभंगा, बिहार में हुआ था। उनका पैतृक गांव कोरियाही सीतामढ़ी जिले में है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई में हुई थी। 17 वर्ष की उम्र में वे ग्वालियर आ गए थे। यहीं उन्होंने उच्च शिक्षा ग्रहण की। भाजपा में उन्होंने अनेक पदों का दायित्व निभाया। वे कई राज्यों के प्रभारी भी रहे। उनके कुशल संपादन में अनेक पुस्तकें भी प्रकाशित हुईं। ऐसे कुशल संपादक और राजनीतिज्ञ का जाना भाजपा के लिए तो अपूरणीय क्षति है ही, प्रबुद्ध वर्ग ने भी अपने एक साथी को खो दिया है।
(लेखक दैनिक ‘स्वदेश’ के समूह संपादक हैं)
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद प्रभात झा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ। मैंने उनकी कार्यशैली को बहुत करीब से देखा है कि संगठन को सशक्त बनाने में उन्होंने किस प्रकार सक्रिय भूमिका निभाई। जनसेवा के अपने कार्यों के साथ ही उन्होंने पत्रकारिता और लेखन के क्षेत्र में भी अमूल्य योगदान दिया। शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों और प्रशंसकों को मेरी संवेदनाएं। ओम शांति!
-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
प्रभात जी का संपूर्ण जीवन जनसेवा और संगठन को समर्पित रहा। उनका जाना भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। शोकाकुल परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूं, ईश्वर उन्हें संबल प्रदान करें और दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। ॐ शांति!
-जगत प्रकाश नड्डा,भाजपा अध्यक्ष
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद श्री प्रभात झा जी के निधन से मुझे गहरी वेदना की अनुभूति हुई है। एक पत्रकार के रूप में शुरू हुआ उनका पूरा सार्वजनिक जीवन, जनहित और देशहित में समर्पित रहा। मध्य प्रदेश में पार्टी संगठन को मजबूती देने में भी उन्होंने बड़ी सराहनीय भूमिका निभाई। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति!
-राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री
वरिष्ठ भाजपा नेता प्रभात झा जी का निधन भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। राष्ट्र व संगठन को नि:स्वार्थ भाव से अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले प्रभात जी ने मध्य प्रदेश में संगठन को मजबूत बनाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई। उन्होंने राज्यसभा सांसद के रूप में हमेशा जनहित के कार्यों को आगे बढ़ाया। दु:ख की इस घड़ी में पूरी भाजपा उनके परिजनों के साथ है।
-अमित शाह, केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री
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