भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और क्रिकेटर सौरभ गांगुली सुर्खियों में हैं। इसका कारण पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा उन्हें दी गई 350 एकड़ जमीन है, जिसकी कीमत महज 1 रुपये प्रति एकड़ बताई जा रही है। इस मामले को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें इस लेनदेन की पारदर्शिता और वैधता पर सवाल उठाए गए हैं। इस जनहित याचिका की सुनवाई चिटफंड मामलों के लिए गठित खंडपीठ में की जाएगी। जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कहा कि चिटफंड मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति जयमाल्या बागची की अध्यक्षता वाली खंडपीठ कर रही है, वही पीठ इस पर सुनवाई करेगी।
क्या है पूरा मामला ?
हाल ही में यह बात सामने आई थी कि ममता बनर्जी की सरकार ने सौरभ गांगुली को मात्र 1 रुपए में 350 एकड़ जमीन आवंटित की है। यह जमीन कोलकाता के बाहरी इलाके में स्थित है और इसका बाजार मूल्य करोड़ों रुपए में हो सकता है। यह मामला तब उभरकर सामने आया जब इस लेन-देन की जानकारी सार्वजनिक हुई और इसके खिलाफ विरोध की लहर उठी।
याचिका दायर
कलकत्ता हाईकोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह जमीन आवंटन अनुचित और अवैध है। याचिकाकर्ता ने अदालत से इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है और कहा है कि यह जमीन आवंटन पारदर्शी प्रक्रिया के बिना हुआ है, जो कि सरकारी नियमों का उल्लंघन है।
सरकार का पक्ष
पश्चिम बंगाल सरकार ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। सौरभ गांगुली ने इस मामले पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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