आआपा के बयानवीर नेता पिछले दस साल से दिल्ली का कायाकल्प करने का दावा कर रहे हैं, लेकिन असलियत तो कुछ और ही है
दो घंटे की बारिश और दिल्ली डूब जाती है। कल भी डूबी। जून के आखिरी सप्ताह में हुई बारिश में भी दिल्ली में नाव चली थी। बयानों की नदी भी बही, एक बार लगा कि अब सब ठीक हो जाएगा। लेकिन हालात और बिगड़ गए। ओल्ड राजेंद्र नगर में तीन छात्रों की भी मौत हो गई। उन्होंने भविष्य के सपने बुने थे और दिल्ली के सिस्टम ने उस पर पानी फेर दिया।
पटेल नगर साउथ में यूपीएससी की तैयारी कर रहे नीलेश की करंट लगने से मौत हो गई। इस पर एसडीएम की रिपोर्ट भी आ गई है। बताया गया है कि नीलेश ने गलती से लोहे का गेट छू लिया था और गेट खुले तार के संपर्क में था। यह घटना 22 जुलाई की थी। दिल्ली के ही भजनपुरा में 40 साल की पूनम की मौत हो गई थी। वह भी पानी में उतरे करंट की चपेट में आई थीं। यह घटना 13 जुलाई की है। 25 जुलाई को दिल्ली के सदर बाजार में पानी और करंट ने राकेश की जान ले ली। इसके बाद ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग हादसा सभी ने देखा। जो भारत को समृद्ध करने का सपना देख रहे थे, भ्रस्ट सिस्टम ने उनकी जान ले ली। कोचिंग के बेसमेंट में पानी भर गया और ये छात्र उसमें डूब गए। न तो दिल्ली सरकार के मंत्री और न ही आम आदमी पार्टी के नेता वहां पहुंचे।
बुधवार (31 जुलाई 2024) शाम को फिर बारिश आई। दो घंटे में दिल्ली फिर डूब गई। जहां कोचिंग हादसा हुआ (ओल्ड राजेंद्र नगर) वहां भी कमर तक पानी भरा। इस बार आम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक पहुंचे। कमर तक भरे पानी में वे चले, और शायद समझ गए कि आगे क्या होगा। दिल्ली को छोड़ आभासी दुनिया में सोशल मीडिया के नेता दिखने लगे। आधी रात को आनन-फानन स्कूल बंद करने का फैसला लिया गया। स्कूल बंद करने की सूचना वाट्सएप ग्रुप में दी जाने लगी। सुबह पांच से छह बजे तक मैसेज आए। कहीं आए भी नहीं, दिल्ली सरकार के सर्कुलर का इंतजार किया जाने लगा। शिक्षक स्कूल पहुंचे तो पता चला कि पढ़ाई नहीं कराई जाएगी। इसी बहाने शासन-प्रशासन के अनुभव की कलई भी खुल गई। दो घंटे की बारिश में दिल्ली सरकार शीर्षासन करती दिखी। दिल्ली रुक गई। सड़क पर कारें ठहर गईं। दिल्ली पूरी तरह से जाम। सर जी तो शराब घोटाले में जेल में बंद हैं, उन्हें यह वाला जाम दिखता भी तो कैसे ?
थोड़ा पीछे चलें। मई-जून में भीषण गर्मी में दिल्ली प्यास से तड़पी। दिल्ली सरकार ने समर एक्शन प्लान बनाया ही नहीं था। उपराज्यपाल ने जब यह बात सोशल मीडिया पर साझा की तो आम आदमी पार्टी के बयानवीर सामने आने लगे। सारा दोष हरियाणा पर मढ़ दिया गया। आंदोलन हो गया। काम-काज ठप कर सरकार ही धरने पर बैठ गई।
अब थोड़ा आगे चलिये। सावन के अभी पंद्रह दिन भी नहीं बीते। आधा सावन बाकी है। अभी बारिश का पुष्य नक्षत्र चल रहा है। तीन अगस्त से श्लेषा लगेगा। मघा, पूर्वा, उत्तरा, हस्त्य नक्षत्र भी आएंगे। यमुना उफान पर होंगी। पिछली बार आईटीओ तक यमुना का पानी आया था। मौसम विभाग अलर्ट पर अलर्ट जारी कर रहा है और आप के नेता बयान पर बयान।
इन सवालों से नहीं बच सकती दिल्ली सरकार और एमसीडी
आम आदमी पार्टी और उनके नेताओं के सोशल मीडिया हैंडल से वीडियो ट्वीट किए जाने लगे। राजेंद्र नगर से विधायक दुर्गेश पाठक को एमसीडी की टीम के साथ कमर भर भरे पानी में चलते दिखाया गया। प्रकाश जारवाल भी दिखे। दिल्ली के सिस्टम पर विपक्ष सवाल उठा रहा है। दिल्ली सरकार के मंत्री का पुराना वीडियो भी चला, जिसमें वह कहते हैं कि एमसीडी उन्हें सौंप दी जाए तो वह दिल्ली का कायाकल्प कर देंगे। अब तो एमसीडी भी कई महीने से उनके ही पास है तो फिर दिल्ली का कायाकल्प क्यों नहीं हो पा रहा है? भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रवीण खंडेलवाल कहते हैं कि आम आदमी पार्टी की सरकार नौ साल से दिल्ली में है। आम आदमी पार्टी को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और सीवर और ड्रेनेज सिस्टम को ठीक करने के लिए एक सुव्यवस्थित योजना बनानी चाहिए। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी के पास इस समय जलबोर्ड, फायर सर्विस एवं अर्बन डेवलपमेंट विभाग की जिम्मेदारी है। ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग हादसे के बाद आतिशी ने बताया था कि कोचिंग सेंटर को नियंत्रित करने के लिए सरकार नया कानून ला रही है। इस पर भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दस साल पहले भी यह एक्ट उतना ही आवश्यक था, जितना आज है। कोचिंग सेंटर को देखते हुए पीजी रेगुलेशन एक्ट की भी जरूरत है। मास्टर प्लान 2041 में यह प्रस्तावित है कि कोचिंग सेंटर रिहायशी इलाके में न चलें, उनकी जगह कॉमर्शियल क्षेत्र में हो। यहां बड़ा सवाल यही है कि दिल्ली और एमसीडी, दोनों जगह आम आदमी पार्टी की सरकार है तो ये नौबत आई ही क्यों ?
इन सवालों पर ध्यान दें तो नहीं पड़ेगी चुल्लू भर पानी की जरूरत
- दिल्ली की सरकार ने सीवर और ड्रेनेज को दुरुस्त करने के लिए क्या कदम उठाए?
- थोड़ी सी बारिश में ही जलभराव क्यों हो जाता है ?
- दिल्ली के पूरे सीवर और ड्रेनेज सिस्टम को क्यों नहीं बदला जा रहा है ?
- दिल्ली बिजली के तार खुले कैसे रह जाते हैं ?
- ग्रीन पार्क इलाके में तीन दिन पहले पाइप लाइन टूटने से सड़क पर गड्ढा हो गया था, जिसे क्यों नहीं भरा गया ?
- जर्जर पानी की पाइप लाइन क्यों नहीं बदली जा रही ?
- जनता की सुरक्षा का जिम्मेदार कौन ?
- हादसे का इंतजार क्यों ?
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