कट्टर तंजीम द्वारा जारी पोस्टर पर लिखा गया है कि ‘शरिया के मुताबिक, ऐसा आदमी मौत की सजा दिए जाने लायक है। उसे सजाए मौत देनी चाहिए।’ दारुल उलूम हमदिया की ‘ईमान वालों’ से अपील है कि वे थाइलैंड जाएं और वहां पर फराज परवेज को सबक सिखाएं।
पाकिस्तान में एक युवक के विरुद्ध कट्टरपंथी उन्मादी ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाते हुए उसे खोज रहे हैं। उस युवक का ‘कसूर’ है हिन्दू बच्चियों के कन्वर्जन और जगरन निकाह के विरुद्ध आवाज उठाना। अब उस पर ईशनिंदा का फर्जी आरोप लगाकर मजहबी उन्मादियों ने उसे जान से मारने की कसमें खा ली हैं। यह एक ईसाई युवक है जो मानवाधिकार की बात करता है, लेकिन फिलहाल थाईलैंड में रह रहा है।
इस पाकिस्तानी ईसाई युवक को मजहबी कट्टरपंथी तंजीमों ने ‘सर तन से जुदा’ की धमकियां दी हुई हैं। पाकिस्तान के कट्टर तत्वों की इस धमकी के बारे में उसने खुद ही मीडिया को बताया है। उसके अनुसार, एक देवबंदी संगठन है ‘अल्लामा मुहम्मद राशिद मदनी हमदी जामिया दारुल उलूम हमदिया’, इसी कट्टर इस्लामवादी संगठन ने उसकी हत्या करने का आह्वान करते हुए ऐसा करने वाले के लिए 160,000 डॉलर का ईनाम तय किया है।
जिन्न के कंगाल देश के कट्टर इस्लामवादियों ने इस युवक, फराज पर फर्जी आरोप उछाला है कि ‘उसने पैगंबर मोहम्मद का चित्र बनाने की जुर्रत की है। यह ‘ईशनिंदा’ का मामला बनता है इसलिए उसका सर कलम कर देना चाहिए।’पाकिस्तान के कट्टरपंथियों को उकसाने के लिए इतना भर आरोप काफी होता है, लिहाजा अब वे उस ईसाई कार्यकर्ता की जान के प्यासे हो गए हैं। यह धमकी एक पोस्टर पर लिखकर फराज को खबरदार किया गया है।
उक्त कट्टर तंजीम द्वारा जारी इस पोस्टर पर लिखा गया है कि ‘शरिया के मुताबिक, ऐसा आदमी मौत की सजा दिए जाने लायक है। उसे सजाए मौत देनी चाहिए।’ दारुल उलूम हमदिया की ‘ईमान वालों’ से अपील भी इस पर लिखी गई है कि वे थाइलैंड जाएं और वहां पर फराज परवेज को सबक सिखाएं।
एक इस्लामवादी उलेमा मुहम्मद राशिद मदनी ने फेसबुक पर एक वीडियो संदेश जारी करके फराज परवेज को मारने का आह्वान किया है। इस पर फराज का कहना है कि ‘मेरी जान लेने का ईनाम रखना यही दिखाता है कि मैं जिस प्रकार हिंदू लड़कियों के कन्वर्जन और बलात्कार के विरुद्ध खुलकर बोलता हूं, वैसा न करूं।’
इतना ही नहीं, फराज को पाकिस्तान से मुसलमान फ़ोन करके धमकाते हैं, वे खुद को भारतीय दूतावास का अधिकारी बताते हैं। उसका कहना है कि ‘वह झूठ बोलते हैं कि मेरी मदद करना चाहते हैं जिससे मैं उनसे आमने सामने मिलूं। लेकिन मुझे पता है, यह झांसा है। ये कट्टरपंथी चाहते हैं कि मैं उनके जान में फंसकर उनके शिकंजे में फसूं जिससे वे मेरी जान ले लें।’
फराज को 2017 में भी ईशनिंदा का आरोप लगाते हुए कट्टरपंथियों द्वारा धमकियां दी गई थीं। तबसे वह थाइलैंड में रह रहा है। इस मानवाधिकारी कार्यकर्ता ने उस देश में हिन्दू बच्चियों के साथ आएदिन मजहबी उन्मादियों द्वारा किए जाने वाले अत्याचारों की पोल खोली थी। तबसे ही पाकिस्तान में कट्टरपंथी उसके खून के प्यासे हो चले हैं।
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