राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से हुई तीन छात्रों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत की जिम्मेदारी दरअसल नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही है। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे किशोर सिंह कुशवाह ने 26 जून को कोचिंग सेंटर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। 15 जुलाई और 22 जुलाई को नगर निगम को रिमाइंडर भी भेजे गए थे।
कुशवाह ने अपनी याचिका में कहा था कि, “अनुमति न होने के बावजूद, वे (राउ) बेसमेंट में बिना एनओसी के क्लासरूम चल रहे हैं। वे टेस्ट क्लास चला रहे हैं, जिससे छात्रों और कर्मचारियों का जीवन प्रभावित हो रहा है। यहां पर बड़ी दुर्घटना होने की आशंका है। यूपीएससी की कोचिंग कराने वाले कई संस्थानों में छात्रों की जान जोखिम में डालकर कक्षाएं चलाई जा रही हैं।”
15 जुलाई को भेजे गए रिमाइंडर में उन्होंने लिखा था कि, “सर, यह बहुत ही महत्वपूर्ण और जरूरी है, सख्त कार्रवाई करें।” छात्रों के डूबने से पांच दिन पहले अपने दूसरे रिमाइंडर में कुशवाह ने फिर से लिखा था कि “सर कृपया कार्रवाई करें… यह छात्रों की सुरक्षा का बात है।” हालांकि इसके बाद भी इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
कुशवाह की याचिका की वर्तमान स्थिति में प्रक्रियााधीन लिखा हुआ है। यदि छात्र की शिकायत पर पहले कार्रवाई की गई होती तो ऐसी घटना होने का कोई प्रश्नन ही नहीं था। बेसमेंट के अवैध इस्तेमाल से आगे भी बड़ी दुर्घटना होने आशंका है। अब लीपापोती करने के लिण् नगर निगम ने कार्रवाई करते राजेंद्र नगर और आसपास के इलाकों में 13 कोचिंग सेंटरों के बेसमेंट सील कर दिए हैं। इसमें राऊ का आईएएस स्टडी सर्किल भी शामिल है।
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