केरल के कोल्लम से इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला प्रकाश में आया है, जहां एक मंदिर के परिसर में घास खा रहे घोड़ी को कार और स्कूटर से पहुंचे हमलावरों के एक गिरोह ने बेरहमी से पीटा। ये एक घोड़ी थी, जो कि पांच माह की गर्भवती थी। उसे 6 माह पहले ही गुजरात से लाया गया था।
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केरल कौमुदी की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को घोड़ी के मालिक ने थेक्केकावु भगवती मंदिर के प्रशासन की अनुमति से मंदिर के परिसर में बांध दिया था। ताकि वहां पर उगी घास साफ हो जाए। लेकिन, शाम करीब 4 बजे 6 लोग कार और स्कूटर से वहां पहुंचे। पहले सभी ने मिलकर रस्सी से घोड़ी को आसपास के नारियल के पेड़ से बांधा और उसके बाद उसे लाठी, डंडे और लोहे की रॉड से बेरहमी के साथ पीटा।
घोड़ी का मालिक जब शाम को उसे लेने के लिए आया तो घोड़ी बड़ी ही अजीब लग रही थी। जांच करने पर दिखा कि उसका छाती, आंख, चेहरा और कान पूरा सूजा हुआ था। इसके बाद उसने मंदिर के सीसीटीवी को चेक किया तो उसमें 6 आरोपी बेरहमी से घोड़ी को मारते दिखे। एक हमलावर तो घुटने के बल बैठकर डंडे से घोड़ी की छाती पर भी मारता दिखा। स्थानीय लोगों ने भी इस घटना को देखा, लेकिन डर के कारण किसी ने कुछ नहीं किया।
इसके बाद घोड़ी का मालिक शानवाज उसे जिला पशु चिकित्सा केंद्र लेकर गया, जहां जानवर के शरीर में कई जगह चोट पाई गई। हालांकि, अच्छी बात ये रही कि गर्भ में पल रहा बच्चा सुरक्षित है। पशु कल्याण अधिकारी डॉ डी शाइनकुमार ने इसकी पुष्टि की। इस मामले में 6 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
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गर्भवती हथिनी को अनानास में छिपाकर खिला दिया था बम
गौरतलब है कि केरल में ही इससे पहले साल 2020 में कुछ वामपंथियों ने गर्भवती हथिनी को अनानास के साथ बम खिला दिया था, जिसके बाद धमाके के कारण हथिनी की दर्दनाक मौत हो गई थी। अब एक बार फिर से इसी तरह की घटना में इस बार गर्भवती घोड़ी को बांधकर पीटा गया है। हालांकि, इस पर वामपंथी सरकार ने चुप्पी साध रखी है।
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