रायबरेली जनपद में ग्राम विकास अधिकारी की आईडी से 19 हजार से ज्यादा जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए गए। यह मामला संज्ञान में आने के बाद रायबरेली जनपद में हड़कंप मच गया। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में एसटीएफ और एटीएस भी पूछताछ कर रही है। अभी तक ग्राम विकास अधिकारी और दो अभियुक्तों से पूछताछ हो चुकी है। इस प्रकरण के संज्ञान में आने के बाद ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव को निलंबित कर दिया गया है। विजय सिंह यादव, जन सुविधा केंद्र संचालक जीशान और सुहैल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
जानकारी के अनुसार, रायबरेली जनपद के सलोन में तैनात ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव की आईडी से 19 हजार से अधिक फर्जी जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए गए। बताया जा रहा है कि जन सुविधा केंद्र संचालित करने वाले जीशान और सुहैल के पास ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव की आईडी थी। उस आईडी का दुरुपयोग करके इतनी बड़ी संख्या में फर्जी जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए गए। विश्व हिन्दू परिषद का आरोप है कि इस प्रकरण में बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारतीय नागरिक बनाने के लिए यह षड्यंत्र रचा गया है।
बता दें कि जब यह मामला संज्ञान में आया तो थाने की पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बजाय इस मामले को टरका दिया। कुछ समय बीतने पर मामला रायबरेली जनपद के पुलिस अधीक्षक की जानकारी में आया। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर थाने में एफआईआर दर्ज की गई। एटीएस और एसटीएफ को इस मामले में लगाया गया। एडीओ पंचायत ने अपनी शिकायत में कहा है कि तीन ग्राम पंचायतों में ऑनलाइन और ऑफलाइन जन्म प्रमाण पत्रों का जब मिलाया गया तब यह पाया गया कि ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव की आईडी से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाया गया है।
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