गत दिनों अरुणाचल प्रदेश में पासी घाट के समीप रुकसिन में नवनिर्मित ‘बर्लिन टाईटिन स्मारक प्रशिक्षण केंद्र’ का उद्घाटन हुआ। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता अरुणाचल विकास परिषद के अध्यक्ष टेकी गुबिन ने की। विशेष अतिथि के तौर पर श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा, दिल्ली के अध्यक्ष भूषण लाल पाराशर और शिक्षाविद् सतीश दुरेजा उपस्थित थे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों की सहभागिता रही।
अरुणाचल विकास परिषद् (अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम की संस्था) की देखरेख में संचालित इस केंद्र में युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे स्वावलंबी बन सकें। इस केंद्र के लिए एक स्थानीय सज्जन ओमेर टाईटिन ने अपने सुपुत्र बर्लिन टाईटिन की स्मृति में 2,600 वर्ग मीटर भूमि दान में दी है। कुछ समय पहले बर्लिन टाईटिन का अल्पायु में निधन हो गया था।
इस केंद्र को बनवाने में दिल्ली के एन.सी.जैन ट्रस्ट के साथ ही अनेक सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक संगठनों और कुछ व्यक्तिगत दानदाताओं ने आर्थिक रूप से सहयोग किया है। बता दें कि पूर्वोत्तर भारत में अनेक स्थानों पर वनवासी कल्याण आश्रम, सेवा भारती, विद्या भारती जैसी संस्थाओं के कार्यकर्ता सेवा, संस्कार और शिक्षा के प्रकल्प चला रहे हैं। इन कार्यों से वहां के स्थानीय लोग देश की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।
नवधा फिल्मोत्सव का पोस्टर जारी
गत जुलाई को नोएडा स्थित ‘प्रेरणा भवन’ में नवधा फिल्मोत्सव के पोस्टर का अनावरण हुआ। बता दें कि नवधा फिल्मोत्सव का आयोजन विश्व संवाद केंद्र और दीनदयाल कामधेनु गोशाला समिति, मथुरा द्वारा किया जा रहा है। इसमें भारतीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था में गोधन के महत्व को प्रमुख रूप से शामिल किया गया है। फिल्मोत्सव में प्रथम विजेता को 51,000 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी को भी सम्मानित किया जाएगा।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचारक श्री महेंद्र ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय आत्मनिर्भरता और मानवीय आदर्शों का आधार है। इसलिए वैदिक काल से लेकर आज तक भारतीय लोकजीवन का गो सेवा और संरक्षण से सीधा संबंध रहा है। अब तो देश-विदेश में भी कई वैज्ञानिक शोधों से यह सिद्ध हो चुका है कि गाय का व्यापक आर्थिक और पर्यावरणीय महत्व है। इस अवसर पर अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे।
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