कर्णावती । कच्छ में एक गौरक्षक पर दो मुस्लिमों ने जानलेवा हमला किया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोनों हमलावरों को पुलिस ने दबोच लिया है। विश्व हिंदू परिषद के स्थानीय नेताओं ने कच्छ डीएसपी के समक्ष मामला रखकर गौरक्षकों पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए अनुरोध किया है।
गुजरात में गाय को कत्लखानों तक ले जानेवाले कसाइयों को रोकनेवाले गौरक्षकों पर हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसी ही एक घटना कच्छ में सामने आई है। कच्छ के भुज में रहनेवाले गौरक्षक भावेश परमार पर दो मुस्लिमों ने जानलेवा हमला किया।
क्या है पूरा मामला
कच्छ के भुज के रहनेवाले गौरक्षक भावेश परमार अपने गाय के बाड़े पर थे तबी उनके दोस्त का फोन आया। दोस्त ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस की ड्राइव चल रही थी जिसमे पुलिस ने दो मुस्लिमों के छकड़े (तीन पहिये वाला व्हीकल) जब्त किए थे। इस कारवाई के फोटो एक पत्रकार ने लिए थे। ड्राइव खत्म होने के बाद दो दिन से दोनों निज़ाम मुगल और इरफान बलोच के फोन आ रहे थे। दोनों फोन पर पत्रकार को धमकी दे रहे थे। ‘हमारे व्हीकल की कारवाई के फोटो क्यों लिया?’ ऐसा कहकर दोनों पत्रकार को रूबरू मिलने के लिए दबाव डाल रहे थे। स्थानीय पत्रकार भावेश परमार के मित्र थे, इसलिए गौरक्षक भावेश परमार उनके साथ दोनों से मिलने गए। मिलने पर दोनों ने पत्रकार को गालियां देना और धमकियां देना शुरू कर दिया। दोनों ने पत्रकार को छाती पर मुक्का भी मारा। भावेश परमार ने दोनों को ऐसा नहीं करने को कहा तो वे भावेश पर टूट पड़े। उन्होंने भावेश के गले पर छुरे से दो बार हमला किया लेकिन दोनों बार भावेश नीचे झुक जाने से बच गए। उन्होंने भावेश के हाथ पर छुरे से हमला कर कंधे से लेकर कोहनी तक का हाथ फाड़ दिया।
पुलिस ने दोनों को दबोच लिया
इस जानलेवा हमले के बारे में भावेश परमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने निजाम मुगल और इरफान बलोच को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
कच्छ डीएसपी को अनुरोध किया गया
गौरक्षको पर आए दिन बढ़ रहे जानलेवा हमलों को रोकने के लिए सरकार और पुलिस तुरंत कारवाई करे ऐसा कच्छ के विश्व हिंदू परिषद के स्थानीय नेताओंने डीएसपी को अनुरोध भी किया है।
गौरक्षको की सलामती सरकार सुनिश्चित करे : अशोक रावल
विश्व हिन्दू परिषद के गुजरात क्षेत्र के मंत्री अशोक रावल ने बातचीत में कहा कि, गौरक्षको पर जानलेवा हमले होने की घटनाएं गुजरात में बढ़ रही हैं। ऐसे में अभी तो कच्छ की इस घटना के बारे में कच्छ डीएसपी को अनुरोध किया गया है। गौरक्षको की सलामती सुनिश्चित करने के लिये सरकार की तरफ से भी प्रयास होने चाहिये। फिलहाल भावेश परमार अस्पताल में है और उसके इलाज का सारा खर्चा वीएचपी उठा रहा है। अस्पताल में वीएचपी के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता भी भावेश की सेवा और सलामती सुनिश्चित कर रहे हैं।
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