भारत लगातार रक्षा संबंधी अपनी क्षमताओं लगातार बढ़ाता जा रहा है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने बुधवार को 5000 किलोमीटर वर्ग की बैलिस्टिक मिसाइलों से बचाव करने की स्वदेशी क्षमता का प्रदर्शन करते सेकंड फेज की बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम (BMD) प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
इससे पहले चरण में बीएमडी का चरण 1 जो 2,000 किलोमीटर की रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को रोक सकता है और इस डिफेंस सिस्टम को पहले ही तैनात किया जा चुका है। वहीं डिफेंस सिस्टम के दूसरे चरण की पहली टेस्टिंग नवंबर 2022 में किया गया था। इसको लेकर डीआरडीओ ने एक बयान में कहा है कि टार्गेट मिसाइल को एलसी-IV धामरा से 16:20 बजे लॉन्च किया गया था, जो कि एंटी बैलिस्टिक मिसाइल की नकल थी, जिसे जमीन और समुद्र में तैनात किए गए रडार ने पता लगाया और एयर डिफेंस इंटरसेप्टर सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया।
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एक्टिवेट होते ही एडी इंटरसेप्टर डिफेंस सिस्टम से निकली मिसाइल ने आसमान में अपने टार्गेट को ध्वस्त कर दिया। इस दौरान इस रक्षा प्रणाली ने 5000 किलोमीटर श्रेणी की बैलिस्टिक मिसाइलों से बचाव के लिए स्वदेशी तकनीक की क्षमता का प्रदर्शन किया।
इसको लेकर डीआरडीओ के अधिकारियों ने बताया कि एडी इंटरसेप्टर मिसाइल को ओडिशा के बालासोर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज के लॉन्च पैड-3 से इस डिफेंस सिस्टम की लॉन्चिंग की गई। परीक्षण के दौरान मिसाइल डिफेंस सिस्टम लंबी दूरी सेंसर और संचार प्रणाली समेत उड़ान के परीक्षण उद्येश्यों को पूरा किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि इससे देश की बैलिस्टिक मिसाइलों की क्षमता फिर से प्रदर्शित हो गई है।
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एहतियातन हटाए गए थे 10,000 लोग
गौरतलब है कि इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम को लॉन्च करने से पहले एहतियात के तौर पर प्रशासन लॉन्च पैड के आसपास के 3.5 के दायरे में रहने वाले 10,581 लोगों को अस्थायी तौर पर किसी सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया था। इसके लिए प्रशासन ने लोगों को पहले से ही सूचित कर दिया था।
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