Indo-Bnagladesh Relations: Mongla Port पर India ने दी China को पटखनी, हिन्द महासागर में भारत का बढ़ा दबदबा
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

Indo-Bnagladesh Relations: Mongla Port पर India ने दी China को पटखनी, हिन्द महासागर में भारत का बढ़ा दबदबा

भारत ने बांग्लादेश के मोंगला बंदरगाह पर एक टर्मिनल के संचालन अधिकार हासिल करके रणनीतिक जीत हासिल की है

by WEB DESK
Jul 24, 2024, 12:18 pm IST
in विश्व
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

नौवहन क्षेत्र के एक विशेषज्ञ का कहना है कि मोंगला भारत के लिए एक संभावित बड़ा अवसर है, जिससे वह हिंद महासागर के तटीय क्षेत्रों के लिए एक समान बंदरगाह भागीदार के रूप में अपनी विश्वसनीयता स्थापित कर सकता है।


हिन्द महासागर में लंबे वक्त से चले आ रहे बंदरगाह युद्ध में भारत ने चीन को रणनीतिक तौर पर धराशायी कर दिया है। बांग्लादेश के मोंगला बंदरगाह के संचालन सूत्र आधिकारिक रूप से अपने हाथ में लेक​र भारत ने दिखाया है कि उसके पड़ोसी देश चीन के मुकाबले उस पर अधिक विश्वास करते हैं।

भारत की यह रणनीतिक जीत समुद्र के क्षेत्र में चीन की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं को एक कड़ा संकेत मानी जा रही है। चीनी कंपनियों ने हाल के कुछ वर्षों में हिंद महासागर क्षेत्र में कई बंदरगाहों के निर्माण या उनमें निवेश करने के लिए सौदे किए हैं। भारत का भी पूरा प्रयास था कि इस क्षेत्र में वह चीन को परास्त करे, और इसमें भारत की कूटनीति सफल रही है।

चीन के सुप्रसिद्ध दैनिक साउथ चाइना पोस्ट ने इस विषय में एक लंबी रिपोर्ट प्रकाशित करके इसे समुद्र में भारत की चीन को कड़ी टक्कर माना है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच भारत ने बांग्लादेश के मोंगला बंदरगाह पर एक टर्मिनल के संचालन अधिकार हासिल करके रणनीतिक जीत हासिल की है।

बांग्लादेश से हुआ यह समझौता अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस समझौते को विदेशी बंदरगाहों पर अर्ध-नियंत्रण हासिल करने की वैश्विक समुद्री दौड़ में बीजिंग को पछाड़ने के नई दिल्ली के प्रयासों के नाते देखा जा रहा है।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर विस्तार से बात की थी (File Photo)

उल्लेखनीय है कि चटगांव के बाद बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह है मोंगला बंदरगाह। ईरान में चाबहार और म्यांमार में सित्तवे बंदरगाहों के बाद हाल के वर्षों में विदेशी बंदरगाहों के संचालन अधिकार पाने के मामले भारत की तीसरी सफलता है। मोंगला बंदरगाह समझौते का ब्योरा अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।

मीडिया में आए समाचारों के अनुसार, बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने बताया है कि टर्मिनल का संचालन इंडियन पोर्ट ग्लोबल लिमिटेड (आईपीजीएल) द्वारा किया जाएगा।

नौवहन क्षेत्र के एक विशेषज्ञ का कहना है कि मोंगला भारत के लिए एक संभावित बड़ा अवसर है, जिससे वह हिंद महासागर के तटीय क्षेत्रों के लिए एक समान बंदरगाह भागीदार के रूप में अपनी विश्वसनीयता स्थापित कर सकता है।

इसमें संदेह नहीं है कि समुद्री क्षेत्र में भारत की पहले उतनी साख नहीं थी, लेकिन इधर 10 वर्ष में मोदी सरकार की धारदार कूटनीति और प्रयासों से इस क्षेत्र में भारत भी एक बड़ा नाम बनकर उभरा है। हाल के कुछ वर्षों में ही इस क्षेत्र में काफी निवेश भी मिला है।

वैश्विक स्तर पर प्रमुख बंदरगाहों पर अर्ध-नियंत्रण किसी देश की अपनी समुद्री शक्ति को दर्शाता है। इस लिहाज से भारत का बांग्लादेश के मोंगला बंदरगाह भारत के संचालन में आना चीन के लिए निश्चित तौर पर परेशानी पैदा करने वाला होगा। पता चला है कि चीन 63 देशों में 100 से अधिक बंदरगाहों में निवेश किए हुए है।

हिंद महासागर क्षेत्र चीन की समुद्री रेशम मार्ग पहल की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। बीजिंग ज्बूती में 7.8 करोड़ डॉलर से लेकर पाकिस्तान के ग्वादर में 1.6 अरब डॉलर तक निवेश कर रहा है।

यहां यह भी ध्यान देने की बात है कि इस वक्त हिंद महासागर में 17 बंदरगाहों में चीनी कंपनियों का दखल है। इनमें से 13 का चीनी कंपनियां निर्माण कर रही हैं और आठ परियोजनाओं में उनकी हिस्सेदारी है। हिंद महासागर से इतर, चीनी कंपनियों ने संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों में बंदरगाहों या टर्मिनलों के लिए पट्टों पर भी हस्ताक्षर किए हैं।

दिलचस्प बात यह भी है कि मोंगला बंदरगाह समझौता तब हुआ था जब पिछले महीने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आई थीं। यहां उन्होंने अपने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी वार्ता में इस मुद्दे पर भी विस्तार से बात की थी। तब दोनों देशों के बीच समुद्री सहित कई सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे।

भारत—बांग्लादेश के बीच यह समझौता कितना प्रभावशाली है, इस संबंध में विशेषज्ञों की यह टिप्पणी बहुत कुछ बताती है कि, मोंगला बंदरगाह टर्मिनल का प्रबंधन हिंद महासागर के पश्चिमी और पूर्वी किनारों के प्रमुख समुद्री स्थानों पर भारत के प्रभाव को बढ़ाएगा और क्षेत्रीय सुरक्षा में इसकी भूमिका को मजबूत करेगा।

दरअसल आज की परिस्थिति में बंदरगाहों का निर्माण और प्रबंधन ‘बंदरगाह कूटनीति’ का एक रूप है, एक नवीनीकृत राष्ट्रीय शक्ति उपकरण है, जिसका रणनीतिक महत्व बढ़ता जा रहा है।

ध्यान रहे कि साल 2018 में, बांग्लादेश ने भारत को पारगमन और कार्गो शिपिंग के लिए चटगांव तथा मोंगला बंदरगाहों तक पूरी पहुंच प्रदान की थी। अब नि:संदेह मोंगला में टर्मिनल का परिचालन नियंत्रण हासिल करने से भारत की व्यापार कनेक्टिविटी में विस्तार होगा।

भारत की दृष्टि से इस तथ्य को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता कि चीन के ऊर्जा आयात का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा हिंद महासागर क्षेत्र से होकर गुजरता है। यही वजह है कि बंदरगाह इसके रणनीतिक निवेश की दृष्टि से महत्वपूर्ण बन गए हैं। भारत का इस क्षेत्र में बढ़ता प्रभुत्व हिन्द महासागर ही नहीं, बल्कि अन्य महासागरोंं में भी अपना प्रभाव बढ़ाने के प्रयासों के लिए विशेष संबल माना जा सकता है।

Topics: बांग्लादेशIndiadiplomacyChinaIndian Oceanhasinamongla portmaritimeभारतचीनmodiहिंद महासागरbangladesh
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

भारत के एनएसए अजीत डोवल

Operation Sindoor: NSA Doval ने जिन्ना के देश के एनएसए से कहा-भारत तनाव नहीं चाहता, लेकिन हिमाकत की तो कड़ा जवाब मिलेगा

आतंकी मसूद  (File Photo)

Operation Sindoor: ‘अच्छा होता मैं भी मारा जाता’, कुख्यात जैश सरगना आतंकी मसूद ने आपरेशन सिंदूर के बाद जताई इच्छा

भारत द्वारा सीमा रेखा के उस पार चल रहे तीन मुख्य आतंकी अड्डों और उनसे जुड़े ढांचे को पैनी चोट करके ध्वस्त किया गया

आंसू बहा रहा जिन्ना के देश का मीडिया, फौज कर रही दुष्प्रचार

इटली के वित्त मंत्री जियानकार्लो जियोर्जेटी के साथ निर्मला सीमारमण

भारत ने कसा जिन्ना के कंगाल देश पर शिकंजा, अब फंडिंग लेने में छठी का दूध याद आएगा जिहादियों के रखवाले को

वीडियो में कुर्ता—लुंगी और गोल टोपी पहने मुस्लिम लोग खुशी खुशी बरगद के पेड़ पर आरी चलाते दिखते हैं

Bangladesh : मजहबी उन्मादियों का दिमागी दिवालियापन हुआ साबित, फतवा देकर काटा बरगद का पुराना पेड़, हिन्दुओं में आक्रोश

टोरंटो में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा निकाली गई परेड

चुनाव में पिटे खालिस्तानियों ने निकाली हिन्दू विरोधी रैली, 8 लाख हिन्दुओं को देश से बाहर करने की मांग की

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

ओटीटी पर पाकिस्तानी सीरीज बैन

OTT पर पाकिस्तानी कंटेंट पर स्ट्राइक, गाने- वेब सीरीज सब बैन

सुहाना ने इस्लाम त्याग हिंदू रीति-रिवाज से की शादी

घर वापसी: मुस्लिम लड़की ने इस्लाम त्याग अपनाया सनातन धर्म, शिवम संग लिए सात फेरे

‘ऑपरेशन सिंदूर से रचा नया इतिहास’ : राजनाथ सिंह ने कहा- भारतीय सेनाओं ने दिया अद्भुत शौर्य और पराक्रम का परिचय

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies