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सरकार के खजाने में हर एक रुपये में टैक्‍स से आएगा 63 पैसा, जानिए बाकी के 37 पैसे का हिसाब

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WEB DESK

नई दिल्‍ली, 23 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रस्‍तुत बजट दस्तावेजों के मुताबिक सरकारी खजाने में आने वाले हर एक रुपये में सबसे बड़ा हिस्सा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों का है। वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि टैक्‍स से 63 पैसे आएंगे, जबकि उधार और अन्य देनदारियों से 27 पैसे प्रति रुपये जुटाए जाएंगे।

वित्‍त मंत्री द्वारा प्रस्‍तुत केंद्रीय बजट 2024-25 के मुताबिक प्रत्येक एक रुपये में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से 63 पैसे, उधार और अन्य देनदारियों से 27 पैसे, विनिवेश जैसे गैर-कर राजस्व से 9 पैसे और गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियों से 1 पैसा आएगा। इस तरह कुल मिलाकर 36 पैसे प्रत्यक्ष करों से आएंगे, जिसमें कॉरपोरेट कर और व्यक्तिगत आयकर शामिल हैं। बजट दस्‍तावेज के मुताबिक आयकर से 19 पैसे मिलेंगे, जबकि कॉरपोरेट कर से सरकार के खाते में 17 पैसे आएंगे।

वित्‍त वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्‍तुत केंद्रीय बजट दस्‍तावेज के मुताबिक अप्रत्यक्ष करों में माल और सेवा कर (जीएसटी) से सरकार को मिलने वाले प्रत्येक एक रुपये में अधिकतम 18 पैसे का योगदान होगा। इसके अलावा सरकार उत्पाद शुल्क से 5 पैसे और सीमा शुल्क से 4 पैसे कमाने की उम्मीद कर रही है।

वहीं, केंद्रीय बजट 2024-25 में केंद्र सरकार के खर्च की बात करें तो प्रत्येक एक रुपये में ब्याज के भुगतान पर 19 पैसे और करों तथा शुल्कों में राज्यों के हिस्से के लिए 21 पैसे जाएंगे। इस बार बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन 08 पैसे प्रति रुपया है। केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं पर व्यय प्रत्येक रुपये में 16 पैसे होगा, जबकि केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए आवंटन 8 पैसा रखा गया है। इसके साथ ही सरकार सब्सिडी और पेंशन पर क्रमशः 6 पैसे और 4 पैसे खर्च करेगी। इसके अलावा केंद्रीय बजट में वित्‍त आयोग और अन्य हस्तांतरण पर व्यय 9 पैसे तय किया गया है।

पूंजीगत व्यय के लिए 11,11,111 करोड़ का प्रावधान किया

इस बार बजट अनुमान में कुल व्यय 48,20,512 करोड़ अनुमानित है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा विगत वर्षों में अवसंरचना का निर्माण करने तथा इसे बेहतर बनाने के लिए किए गए पर्याप्त निवेश का अर्थव्यवस्था पर अत्यधिक सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। हम अन्य प्राथमिकताओं और राजकोषीय समेकन की आवश्यकताओं के अनुरूप, अगले 5 वर्षों में अवसंरचना के लिए सुदृढ़ राजकोषीय सहायता बनाए रखने का प्रयास करेंगे। इस वर्ष, मैंने पूंजीगत व्यय के लिए 11,11,111 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। यह हमारी जीडीपी का 3.4 प्रतिशत होगा।

इसी तरह बुनियादी ढांचे के लिए मदद प्रदान करने को लेकर राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा कि हम राज्यों को उनकी विकास प्राथमिकताओं के अध्यधीन, अवसंरचना के लिए उसी पैमाने की सहायता उपलब्ध कराने हेतु प्रोत्साहित करेंगे। राज्यों को उनके संसाधन आवंटन में सहायता करने के लिए इस वर्ष भी 1.5 लाख करोड़ के दीर्घावधि ब्याज रहित ऋण का प्रावधान किया गया है।

अवसंरचना में निजी निवेश को बढ़ावा देने के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि समर्थकारी नीतियों और विनियमनों के माध्यम से अवसंरचना में निजी क्षेत्र द्वारा निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए एक बाजार आधारित वित्तपोषण फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा।

जनसंख्या में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए पीएमजीएसवाई के लिए पात्र बने 25,000 ग्रामीण बसावटों के लिए बारहमासी सड़क संपर्क उपलब्ध कराने के लिए पीएमजीएसवाई का चरण IV आरंभ किया जाएगा।

सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सिंचाई और बाढ़ से निपटने के लिए बुनियादी ढांचा खड़ा करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बिहार ने अक्सर बाढ़ को झेला है, उनमें से बहुतों की उत्पत्ति देश से बाहर होती है। नेपाल में बाढ़ नियंत्रण संरचनाओं के निर्माण की योजनाओं पर प्रगति होनी बाकी है। हमारी सरकार, त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम और अन्य स्रोतों के माध्यम से, 11,500 करोड़ की अनुमानित लागत से कोसी-मेची अंतर्राज्यीय लिंक और बैराजों, नदी प्रदूषण न्यूनीकरण और सिंचाई परियोजनाओं सहित 20 अन्य चालू और नई स्कीमों जैसी परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा, कोसी से संबंधित बाढ़ उपशमन और सिंचाई परियोजनाओं का सर्वेक्षण और अन्वेषण भी किया जाएगा।

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