इजरायल और हमास के बीच बीते 11 माह के दौरान चल रहे युद्ध के बीच गाजा में हालात दिन ब दिन बिगड़ते जा रहे हैं। वहां पर संक्रामक बीमारियां फैलने लगी हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ की बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन यूनिसेफ ने परीक्षण के जरिए पता लगाया है कि गाजा से सीवेज के नमूनों से पोलियो वायरस मिले हैं।
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रिपोर्ट के मुताबिक, युद्ध के चलते विस्थापित व्यक्तियों के भीड़ भरे शिविरों में रहने वाले हजारों लोगों को इस संक्रामक बीमारी के कारण विकृति और पक्षाघात का कारण बन सकती है। इजरायली स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी एक रिपोर्ट में कहा है कि इजरायली लैब में इसकी जांच की गई है, जिसमें पता चला है कि गाजा सीवेज के नमूनों की जांच से टाइप-2 पाया गया है। WHO ने भी ऐसा ही दावा किया है। गाजा के मंत्रालय ने भी कहा है कि बुनियादी ढांचे के ध्वस्त होने के बाद विस्थापन शिविरों और टेंटों के आसपास बसे हुए क्षेत्रों के बीच एकत्रित और बहने वाले गंदे पानी में मिले पोलियो वायरस मिलने की घटना एक नई स्वास्थ्य आपदा को दिखाती है।
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गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि इजरायल लगातार गाजा में स्वच्छता आपूर्ति को इजरायल गाजा तक पहुंचने ही नहीं दे रहा है। इससे विभिन्न प्रकार की बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है। इससे हजारों लोगों को पोलियो होने का खतरा मंडराने लगा है।
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द गॉर्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियां चार दशकों से पोलियो उन्मूलन के लिए अभियान चला रही है, जो अक्सर सीवेज और दूषित पानी के जरिए फैलता है। लेकिन हाल के वर्षों में अफगानिस्तान और पाकिस्तान पाकिस्तान में नाइजीरिया में अलग-अलग मामलों में फिर से उभर आया है।
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