असम : बाल विवाह पर रिपोर्ट जारी, 20 जिलों में 81 प्रतिशत की आई कमी
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

असम : बाल विवाह पर रिपोर्ट जारी, 20 जिलों में 81 प्रतिशत की आई कमी

रिपोर्ट के मुताबिक असम में 2021-22 से 2023-24 के बीच असम के 20 जिलों में बाल विवाह के मामलों में 81 प्रतिशत की कमी आई है

by WEB DESK
Jul 17, 2024, 03:11 pm IST
in भारत, असम, दिल्ली
बाल विवाह पर जारी की गई रिपोर्ट

बाल विवाह पर जारी की गई रिपोर्ट

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

नई दिल्ली, (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस के अवसर पर इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन के अध्ययन दल की ‘टूवर्ड्स जस्टिस : एंडिंग चाइल्ड मैरेज’ ने बाल विवाह की रोकथाम में कानूनी कार्रवाइयों पर विस्तृत रिपोर्ट जारी की। बुधवार को आयोजित एक समारोह में इस जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक असम में 2021-22 से 2023-24 के बीच असम के 20 जिलों में बाल विवाह के मामलों में 81 प्रतिशत की कमी आई है। नई दिल्ली में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो और बाल विवाह मुक्त भारत (सीएमएफआई) के संस्थापक और बाल अधिकार कार्यकर्ता भुवन ऋभु की मौजूदगी में बाल विवाह पीड़ितों द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट में कानूनी कार्रवाई बाल विवाह के खात्मे के लिए सबसे प्रभावी औजार बताया गया है। रिपोर्ट में लंबित मामलों के निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन के अलावा बाल विवाह को बलात्कार की आपराधिक साजिश के बराबर मानते हुए इसमें सहभागी माता-पिता, अभिभावकों और पंचायत प्रतिनिधियों के लिए सजा को दोगुना करने की भी सिफारिश की गई है।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि आयोग अपने रुख को लेकर स्पष्ट है कि धार्मिक आधार पर बच्चों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। बाल विवाह निषेध कानून (पीसीएमए) और पॉक्सो धर्मनिरपेक्ष कानून हैं और वे किसी भी धर्म या समुदाय के रीतिरिवाजों का नियमन करने वाले कानूनों से ऊपर हैं। बुधवार को अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस के अवसर पर इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन के अध्ययन दल की रिपोर्ट ‘टूवर्ड्स जस्टिस : एंडिंग चाइल्ड मैरेज’ के जारी करने के अवसर पर प्रियंक कानूनगो ने कहा कि यह रिपोर्ट बहुत ही महत्वपूर्ण समय पर आई है। हम इसे ध्यानपूर्वक देखेंगे ताकि यह समझ सकें कि इसके निष्कर्ष बाल विवाह के मुद्दे पर हमारे कामकाज और समझ में कैसे मदद कर सकते हैं। असम के एफआईआर दर्ज कर बाल विवाह रोकने के मॉडल का देश में ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य देशों को भी अनुकरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत हर मायने में वैश्विक नेता बनने की राह पर है। बच्चों पर इस महान राष्ट्र के कल का दारोमदार है और उनके भविष्य को सुरक्षित एवं संरक्षित करने की आवश्यकता है। सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

भुवन ऋभु ने रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए कहा कि असम ने यह दिखाया है कि निवारक उपायों के तौर पर कानूनी कार्रवाइयां बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता का संदेश पहुंचाने में सबसे प्रभावी औजार हैं। आज असम में 98 प्रतिशत लोग मानते हैं कि अभियोजन बाल विवाह को समाप्त करने की कुंजी है। बाल विवाह मुक्त भारत बनाने के लिए असम का यह संदेश पूरे देश में फैलना चाहिए। भारत को दुनिया को यह दिखाना होगा कि सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करना तभी संभव है जब हम अगले दस सालों में बाल विवाह मुक्त दुनिया के निर्माण के लिए ठोस और प्रभावी कानूनी कदम उठाएं।

असम के 20 जिलों में बाल विवाह के मामलों में 81 प्रतिशत की कमी

2021-22 से 2023-24 के बीच असम के 20 जिलों में बाल विवाह के मामलों में 81 प्रतिशत की कमी आई है। इस अध्ययन में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) और असम के 20 जिलों के 1,132 गांवों से आंकड़े जुटाए गए जहां कुल आबादी 21 लाख है, जिनमें 8 लाख बच्चे हैं। नतीजे बताते हैं कि बाल विवाह के खिलाफ जारी असम सरकार के अभियान के नतीजे में राज्य के 30 प्रतिशत गांवों में बाल विवाह पर पूरी तरह रोक लग चुकी है जबकि 40 प्रतिशत उन गांवों में इसमें उल्लेखनीय कमी देखने को मिली जहां कभी बड़े पैमाने पर बाल विवाह का चलन था। रिपोर्ट यह भी बताती है कि इन 20 में से 12 जिलों के 90 प्रतिशत लोगों ने इस बात में भरोसा जताया है कि इस तरह के मामलों में एफआईआर और गिरफ्तारी जैसी कानूनी कार्रवाइयों से बाल विवाह की कारगर तरीके से रोकथाम की जा सकती है। रिपोर्ट बाल विवाह के खात्मे के लिए न्यायिक तंत्र द्वारा पूरे देश में फौरी कदम उठाने की आवश्यकता को रेखांकित करती है। रिपोर्ट के अनुसार 2022 में देश भर में बाल विवाह के कुल 3,563 मामले दर्ज हुए, जिसमें सिर्फ 181 मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा हुआ। यानी लंबित मामलों की दर 92 प्रतिशत है। मौजूदा दर के हिसाब से इन 3,365 मामलों के निपटारे में 19 साल का समय लगेगा।

Topics: AssamNCPCRreport on child marriagepriyank kanoongo
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

भाजपा

असम पंचायत चुनाव में भाजपा की सुनामी में बहे विपक्षी दल

assam pahalgam terrorattack many people arrested

पहलगाम आतंकी हमले पर विवादित बयानबाजी: 7 राज्यों से 26 गिरफ्तार, असम से AIDUF विधायक समेत 14 पकड़े गए

Assam girl died in Satna church hostel

सतना के चर्च हॉस्टल में असम की नाबालिग युवती की मौत, गले पर फंदे के निशान

Ranveer Allahabadia vulger statement on parents

कॉमेडी के नाम पर अश्लीलता, रणवीर इलाहाबादिया ने की गंदी बात, मनोज मुंतशिर बोले-ये पिशाच, NCPCR ने भी लिया एक्शन

UAPA Imposed Against Khalistan supporter MP Amritpal

खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल ने मांगी संसद के सत्र में शामिल होने की अनुमति, नियमों का हवाला भी दिया

Assam police arrested ULFA terrorist

असम: दुलियाजान में ‘ULFA C Company’ नाम का नया उग्रवादी संगठन बनाने की फिराक में थे उग्रवादी, गिरफ्तार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies