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‘Ukraine War रुकवा कर शांति स्थापित कराए भारत’, Modi के Russia दौरे से चिढ़ा America अब लगा India के सामने गिड़गिड़ाने

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से अपनी बातचीत में कहा भी था कि युद्ध का समाधान मैदान में नहीं हो सकता है, यह सिर्फ बातचीत से हो सकता है

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WEB DESK

भारत के रूस से इतने मधुर संबंध हैं कि पुतिन ने संकटकाल में भारत को तेल की कम कीमतों में आपूर्ति करके पश्चिमी देशों को हैरान कर दिया। भारत ने भी रूस के साथ अपने लिए एस400 मिसाइल सिस्टम उपलब्ध कराने का समझौता किया। संभवत: इन्हीं सब घटनाक्रमों को देखते हुए व्हाइट हाउस ने इस बात पर जोर दिया है कि भारत चाहे तो यूक्रेन युद्ध रुकवाने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करे।


अमेरिका ने पिछले दिनों भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दो दिन के रूस दौरे को लेकर कैसा तूफान मचाया था, जाने से ​मना किया था, यूक्रेन की बदहाली के लिए रूस पर लानतें भेजते हुए भारत को दौरे के लिए उलाहने दिए थे। लेकिन हमेशा की तरह राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए, मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी मित्रता और रूस के साथ संबंधों को सबसे पहले रखा। मोदी रूस गए और दोनों देशों के हित के अनेक समझौते किए। आज वही अमेरिका है जो भारत के सामने अपील कर रहा है कि रूस से अपने संबंधों को देखते हुए पुतिन से यूक्रेन युद्ध रोकने की बात करे और शांति स्थापित करने में अपनी बहुमूल्य भूमिका निभाए।

अमेरिकी राष्ट्रपति निवास और कार्यालय व्हाइट हाउस में प्रेस सचिव ने कहा कि भारत अमेरिका का ‘रणनीतिक साझीदार’ है। भारत के साथ अमेरिका की विभिन्न मुद्दों पर स्पष्ट वार्ता होती है। इन विषयों में भारत—रूस रिश्ते भी शामिल हैं।

भारत के रूस से इतने मधुर संबंध हैं कि पुतिन ने संकटकाल में भारत को तेल की कम कीमतों में आपूर्ति करके पश्चिमी देशों को हैरान कर दिया। भारत ने भी रूस के साथ अपने लिए एस400 मिसाइल सिस्टम उपलब्ध कराने का समझौता किया। संभवत: इन्हीं सब घटनाक्रमों को देखते हुए व्हाइट हाउस ने इस बात पर जोर दिया है कि भारत चाहे तो यूक्रेन युद्ध रुकवाने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करे। यहां बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से अपनी बातचीत में कहा भी था कि युद्ध का समाधान मैदान में नहीं हो सकता है, यह सिर्फ बातचीत से हो सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से अपनी बातचीत में कहा भी था कि युद्ध का समाधान मैदान में नहीं हो सकता

अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय की प्रेस सचिव ने यह भी कहा कि बहुत जरूरी है कि भारत और बाकी तमाम राष्ट्र भी यूक्रेन युद्ध की समाप्ति का प्रयास करें जिससे हमेशा के लिए शांति स्थापित हो सके। प्रेस सचिव ने पुतिन—मोदी वार्ता के संबंध में कहा कि भारत अमेरिका महत्वपूर्ण रणनीतिक साझीदार है और इसीलिए उसके साथ हर विषय पर खुलकर बात होती है। दोनों देशों के बीच रूस को लेकर भी चर्चा होती है।

उन्होंने कहा कि रूस और भारत के संबंध लंबे समय से बने हुए हैं। इसी वजह से भारत राष्ट्रपति पुतिन से बात कर सकता है कि यूक्रेन में जारी युद्ध बंद कर दें। पुतिन ही हैं जो इसे रोक सकते हैं। अमेरिका का मानना है कि यह युद्ध पुतिन द्वारा आरम्भ किया गया था इसलिए वही इसे रुकवाने की क्षमता रखते हैं।

पुतिन के साथ अपनी बातचीत में मोदी ने साफ कहा था कि युद्ध हो, संघर्ष या कहीं आतंकवादी हमले, हर उस इंसान को दुख होता है जो इंसानियत में यकीन रखता है। परन्तु मासूम बच्चों की हत्या होना उन्हें मरते देखना दिल दहला देने वाला होता है। इस पर उनकी पुतिन के साथ लंबी बातचीत हुई है। युद्ध के मैदान में कैसा भी हल नहीं निकलता है। शांति वार्ता सफल बनानी है तो बम, बंदूक तथा गोलियां बंद होनी जरूरी हैं।

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