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US की यूरोप में लंबी दूरी की मिसाइलों की तैनाती से भड़का रूस, कहा-जिन देशों में मिसाइलों होंगी उन सभी पर करेंगे हमला

रूसी सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि उन मिसाइलों को रोकने की ताकत हमारे पास है। लेकिन, हमारी संभावित शिकार उन यूरोपीय देशों की राजधानियां होगीं, जिन देशों में इन मिसाइलों की तैनाती की गई है।

Published by
Kuldeep singh

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के करीब तीन साल होने को है, लेकिन नाटो देशों से मिल रही मदद के दम पर यूक्रेन अभी भी रूस जैसे ताकतवर प्रतिद्वंदी के खिलाफ मैदान ए जंग में डटा हुआ है। धीरे ही सही, लेकिन यूक्रेन रूस को गाहे-बगाहे चोट देता रहता है। लेकिन, अब यूक्रेन को F-16 फाइटर जेट देने के बाद अमेरिका यूरोप में लंबी दूरी तक मार करने वाले मिसाइलों की तैनाती करने जा रहा है। इससे रूस भड़क गया है। उसने चेतावनी दी है कि अगर ऐसा होता है तो सबसे पहले रूस यूरोपीय देशों पर हमला करेगा।

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रूसी सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि उनका देश (रूस) यूरोप में तैनात मिसाइलों के निशाने पर है, जिसका अनुभव हमें हो चुका है। उन मिसाइलों को रोकने की ताकत हमारे पास है। लेकिन, हमारी संभावित शिकार उन यूरोपीय देशों की राजधानियां होगीं, जिन देशों में इन मिसाइलों की तैनाती की गई है।

वीजीटीआरके टीवी को दिए इंटरव्यू के दौरान पेस्कोव ने एक सवाल के जबाव में ये बात कही। उन्होंने कहा ‘बेशक’ हम पलटवार करेंगे। पेस्कोव का ये मानना है कि हमेशा से एक विरोधाभासी स्थिति रही है कि अमेरिका ने यूरोप में अलग-अलग रेंज की मिसाइलों को तैनात कर रखा है और उनका पारंपरिक टार्गेट रूस होता है। ऐसे में हमने उन देशों को अपनी मिसाइलों का टार्गेट बना दिया है।

पेस्कोव का कहना है कि यूरोप के लिए सबसे अधिक चिंता की बात ये है कि अमेरिका मिसाइलों की तैनाती करके पैसा कमाते जा रहा है, जबकि यूरोप मिसाइलों के टार्गेट पर बना हुआ है।

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गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन युद्ध के शुरू होने के बाद से लगातार अमेरिका सहित यूरोप के कई नाटो देश लगातार यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई करके मोटा पैसा कमा रहे हैं। इसके साथ ही युद्ध को भी भड़का रहे हैं। दरअसल, नाटो में शामिल होना चाहता है, लेकिन रूस का ये मानना है कि अगर यूक्रेन नाटो में शामिल हो जाता है तो अमेरिका यूक्रेन में अपना मिलिट्री बेस बनाकर रूस के लिए खतरा पैदा करेगा। इसी को लेकर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। नाटो देशों से मिलने वाली परोक्ष मदद के कारण ही यूक्रेन अब तक वॉर जोन में टिका हुआ है।

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