उत्तर प्रदेश। पहाड़ों से मैदान तक लगातारी जारी भारी बारिश और नेपाल से छोड़े गए पानी ने उत्तर प्रदेश में तबाही के हालात पैदा कर दिए हैं। शाहजहांपुर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, सीतापुर सहित कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। शाहजहांपुर शहर में बाढ़ का पानी खुसने से जनजीवन पर भारी असर पड़ा है। शाहजहांपुर में बाढ़ की वजह से बरेली-लखनऊ हाइवे पर वाहनों का आवागमन पिछड़े 48 घंटे से बंद हैं। मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में पानी भरने से मरीजों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया है। बाढ़ से घिरे हजारों लोगों को दूसरे स्थानों पर पहुंचाना पड़ा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाढ़ के हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और प्रभावित इलाकों का हवाई दौर कर राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दे रहे हैं। सीएम योगी ने कहा है कि बाढ़ प्रभावित लोगों को हर संभव मदद पहंचाई जा रही हैं। सरकार ऐसे पीड़ितों को आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराएगी। एक दर्जन से अधिक जिलों में सैकड़ों गांव जहां बाढ़ की चपेट में नजर आ रहे हैं, वहीं शाहजहांपुर सहित कई शहरों में भी बाढ़ से हालात विकराल दिखाई दे रहे हैं। बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, सीतापुर के 250 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में बताए गए हैं। लखीमपुर खीरी के 150, शाहजहांपुर के 30, बदायूं के 70, बरेली के 70 और पीलीभीत के 222 गांव में बाढ़ के हालात बन चुके हैं।
शाहजहांपुर में गर्रा नदी ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। नदी उफनाने से बाढ़ का पानी दूसरे दिन शुक्रवार को भी दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर कम नहीं हुआ। इसकी वजह से कार-बाइक व अन्य छोटे वाहनों का हाइवे पर संचालन ठप है। बाढ़ की वजह से रोडवेज बसों का संचालन भी प्रभावित हुआ है। शाहजहांपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज में बाढ़ का पानी भरने के बाद मरीजों को आसपास के जिन अस्पतालों में शिफ्ट किया गया था, उनमें भी पानी भरने के बाद समस्या विकराल हो गई। रेलवे ट्रैक पर पानी आने के चलते मुरादाबाद- लखनऊ के बीच तमाम स्थानों पर कॉशन तय करके ट्रेनों को भी धीमी गति से गुजारा जा रहा है। हिमालय की तराई से सटे यूपी के जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर दिखाई दे रही है। उत्तराखंड व नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही वर्षा से शारदा व राप्ती नदियां उफनाई हैं। पीलीभीत शहर व देहात में शारदा और खकरा नदियों का पानी मुहाने तोड़कर हर तरफ बाढ़ के मंजर दिखा रहा है। ऐसे ही हालात लखीमपुर खीरी बहराइच जिले के बने हैं, जहां बाढ़ की वजह से जिंदगी पटरी से उतर गई है।
योगी सरकार बाढ़ प्रभावित जिलों में प्रशासन, पुलिस, पीएसी के साथ एनडीआरएफ के साथ सेना की भी मदद ले रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी व दूसरे अफसर बाढ़ प्रभावित इलाकों में ट्रैक्टर, नाव आदि से पहुंचकर राहत-बचाव में तेजी ला रहे हैं। बाढ़ से घिरे लोगों तक खाना, पानी और दवाएं पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। सीएम योगी ने पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती और बलरामपुर जिलों में मौके पर पहुंचकर बाढ़ संकट से पैदा हुए हालात का जायजा लिया है और अफसरों को राहत-बचाव कार्य लगातारी जारी रखने की हिदायत दी है।
शाहजहांपुर में बाढ़ ने मचाई भारी तबाही, बंद करने पड़े स्कूल
शाहजहांपुर में शहर के कई मुहल्ले-कालोनियों के साथ ही राजकीय मेडिकल कालेज भी बाढ़ के पानी से डूबे दिख रहे हैं। मरीजों को निजी अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है। चिकित्सकीय स्टाफ के आवास भी खाली कराए जा रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि मेडिकल कॉलेज गर्रा नदी से कुछ दूरी पर है। 25 वर्ष पहले भी यहां तक बाढ़ का थोड़ा पानी आया था, मगर इस बार डैम से अधिक पानी छोड़ने से बाढ़ का संकट खड़ा हो गया है। सभी स्कूलों को फिलहाल बंद रखने को कहा गया है। गर्रा नदी का पानी दिल्ली-लखनऊ हाइवे पर पुल के ऊपर तक बह रहा है। हाइवे पर 4 फीट तक तक पानी आने के कारण भारी हाइवे पर छोटे वाहनों की आवाजाही रुक गई है। मैलानी रूट पर बाढ़ की वजह से ट्रेन संचालन प्रभावित है। बदायूं और बरेली में में उफान से कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है।
शारदा, रामगंगा, गर्रा, सरयू, राप्ती नदियां उफान पर, स्थिति गंभीर
बरेली के नवाबगंज में पीलीभीत से आए पानी से दर्जनों गांव डूब गए हैं। हरदोई में गर्रा नदी में जल स्तर बढ़ने से 57 गांवों पर संकट है। अंबेडकरनगर में सरयू, घाघरा नदियां बारिश व बैराजों से छोड़े गए पानी से उफान पर हैं। उत्तराखंड के बनबसा बैराज से अधिक पानी छोड़े जाने से शारदा नदी खतरे के निशान पर है। लखीमपुर में आई बाढ़ के कारण किसानों को करोड़ों का नुकसान हुआ है, जहां के पलिया, निघासन, धौरहरा और सदर तहसील का फूलबेहड़ व नकहा इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं। खेतों में पानी भर जाने के कारण फसल बर्बाद हो गई है। बाढ़ग्रस्त इलाकों में पशुओं को चारा मिलना मुश्किल हो रहा। दुग्ध उत्पादन में गिरावट देखी जा रही हे। नेपाल से पानी छोड़े जाने की वजह से बलिया और मऊ में सरयू नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। गोरखपुर में राप्ती, सरयू और आमी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। कुशीनगर में मवन नाले का तटबंध टूटने से कप्तानगंज क्षेत्र के घरों में पानी घुस गया है। महराजगंज में चंदन, प्यास और महाव नाला लाल निशान पार कर गया है। सिद्धार्थनगर के नवापुर विकास खंड के कई गांवों में पानी घुसने लगा है।
योगी सरकार दिन-रात बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता में जुटी
मुख्यमंत्री योगी ने पीलीभीत और लखीमपुर खीरी के बाद बलरामपुर व श्रावस्ती का दौरा किया है। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि नेपाल के पानी से पूर्वांचल के जिलों में असमय बाढ़ आने से फसलें बर्बाद हुई हैं और नुकसान हुआ है। सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों की हर संभव सहायता कर रही है। राहत-बचाव कार्य दिन-रात जारी हैं। बता दें कि बाढ़ग्रस्त जनपदों के अलावा बाकी स्थानों पर भी शासन के निर्देश पर बाढ़ चौकियां पहले ही बनाई जा चुकी हैं। नदियों के पास बनाई गईं बाढ़ चौकियों पर पुलिस के साथ राजस्व विभाग की टीमें लगातार जलस्तर की निगरानी कर रही हैं और जरूरत होने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटी हैं।
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