उत्तराखंड सरकार ने सार्वजनिक की कॉमन सिविल कोड की रिपोर्ट, चार भाग में हुई जारी, बस एक क्लिक पर जानें पूरी डिटेल
July 15, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तराखंड

उत्तराखंड सरकार ने सार्वजनिक की कॉमन सिविल कोड की रिपोर्ट, चार भाग में हुई जारी, बस एक क्लिक पर जानें पूरी डिटेल

उत्तराखंड सरकार की वेबसाइट पर यह रिपोर्ट हिंदी और इंग्लिश दोनों में अपलोड की गई है,

by WEB DESK
Jul 13, 2024, 11:20 am IST
in उत्तराखंड
समान नागरिक संहिता

समान नागरिक संहिता

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

देहरादून, (हि.स.)। उत्तराखंड सरकार ने कॉमन सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) की रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है। उत्तराखंड सरकार की वेबसाइट पर यह रिपोर्ट हिंदी और इंग्लिश दोनों में अपलोड की गई है, जिससे जनता आसानी से इसके बारे में समझ सके।

उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की प्रक्रिया उत्तराखंड सरकार ने तेज कर दी है। संभावना जताई जा रही है कि अक्टूबर महीने तक यूनिफॉर्म सिविल कोड को उत्तराखंड में लागू कर दिया जाएगा।

विशेषज्ञ समिति ने राजभवन स्थित राज्य अतिथि गृह (एनेक्सी) में शुक्रवार को समान नागरिक संहिता उत्तराखंड की रिपोर्ट का लोकार्पण किया। यूसीसी के संबंध में रूल्स मेकिंग एंड इम्प्लिमेंटेशन कमेटी के चेयरमैन और पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि चार भागों में बंटी यूसीसी रिपोर्ट और नियमावली अब लॉन्च कर दी गई है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यूसीसी रिपोर्ट आम जनता से साझा नहीं हो पाई थी। अब चारों खंडों की रिपोर्ट और नियमावली का लोकार्पण कर दिया गया है। कमेटी ने www.ucc.uk.gov.in पर रिपोर्ट के चार वॉल्यूम अपलोड किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 1946 में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भी यूसीसी की पुरजोर वकालत की थी। प्रेसवार्ता में रूल्स मेकिंग एंड इम्प्लिमेंटेशन कमेटी के सदस्य एडीजी अमित सिन्हा, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ और दून यूनिवर्सिटी की वीसी सुरेखा डंगवाल मौजूद थीं।

वैदिक काल से लेकर संविधान सभा के गठन तक के किए गए गहन अनुसंधान

यूसीसी रिपोर्ट जारी करते हुए कमेटी के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने से पहले भारत के वैदिक काल से लेकर संविधान सभा के गठन तक तमाम तरह के गहन अनुसंधान किए गए। अलग-अलग देशों में लागू पर्सनल लॉ का गहनता से अनुसंधान किया गया।

इन देशों में पहले से लागू है यूसीसी

उन्होंने बताया कि मुस्लिम देश तुर्की, सऊदी अरब, अजर बैजान, नेपाल, फ्रांस, जर्मनी, जापान, यूएसए, कनाडा, बांग्लादेश और इंडोनेशिया में पहले ही यूसीसी लागू है। यूसीसी को पहली बार फ्रांस में नेपोलियन बोनापार्ट लेकर आए थे। इन्होंने सन 1804 में फ्रांस में यूसीसी लागू किया था। इसके लगभग 100 वर्ष बाद कुछ अन्य देश भी यूसीसी लेकर आए। फ्रांस, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में यूसीसी से यूरोप के कई देश प्रभावित हुए और अपने-अपने देश में यूसीसी लाए।

उत्तराखंड में जारी होगी यूसीसी पर शोध रिपोर्ट

उन्होंने बताया कि यूसीसी रिपोर्ट में जनसंख्या नियंत्रण कानून का भी जिक्र है। हालांकि इसे सरकार ने यूसीसी कानून में शामिल नहीं किया है। इसके अलावा यूसीसी की रिपोर्ट में गोद लेने का भी अधिकार को लेकर भी बात कही गई, लेकिन इसे भी कानून में शामिल नहीं किया गया है। सरकार की तरफ से यूसीसी रिपोर्ट के वॉल्यूम एक और वॉल्यूम तीन को सार्वजनिक किया जाएगा। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर शोध रिपोर्ट जारी होगी। जो रिपोर्ट यूसीसी का आधार थी, उसे आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। इसका उद्देश्य लोगों को यूसीसी के बारे में जागरूक करना है। अक्टूबर माह तक यूसीसी राज्य में लागू हो जाएगा।

यूसीसी के किए गए मुख्य प्रावधान

  1. समान नागरिक संहिता लागू होने से समाज में बाल विवाह, बहु विवाह, तलाक जैसी सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं पर लगाम लगेगी।
  2. किसी भी धर्म की संस्कृति, मान्यता और रीति-रिवाज इस कानून से प्रभावित नहीं होंगे।
  3. बाल और महिला अधिकारों की सुरक्षा करेगा यूसीसी।
  4. विवाह का पंजीकरण होगा अनिवार्य। पंजीकरण न होने पर सरकारी सुविधाओं का नहीं मिलेगा लाभ।
  5. पति-पत्नी के जीवित रहते दूसरा विवाह करना होगा प्रतिबंधित।
  6. सभी धर्मों में विवाह की न्यूनतम उम्र लड़कों के लिए 21 वर्ष और लड़कियों के लिए 18 वर्ष निर्धारित।
  7. वैवाहिक दंपति में यदि कोई एक व्यक्ति बिना दूसरे व्यक्ति की सहमति के अपना धर्म परिवर्तन करता है तो दूसरे व्यक्ति को उस व्यक्ति से तलाक लेने और गुजारा भत्ता लेने का होगा अधिकार।
  8. पति पत्नी के तलाक या घरेलू झगड़े के समय पांच वर्ष तक के बच्चे की कस्टडी, बच्चे की माता के पास ही रहेगी।
  9. सभी धर्मों में पति-पत्नी को तलाक लेने का समान अधिकार होगा।
  10. सभी धर्म-समुदायों में सभी वर्गों के लिए बेटा-बेटी को संपत्ति में समान अधिकार।
  11. संपत्ति में अधिकार के लिए जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेद नहीं होगा।
  12. नाजायज बच्चों को भी उस दंपति की जैविक संतान माना जाएगा।
  13. किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति में उसकी पत्नी और बच्चों को समान अधिकार मिलेगा।
  14. किसी महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे की संपत्ति में अधिकार को संरक्षित किया जाएगा।
  15. लिव-इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा।
  16. लिव-इन के दौरान पैदा हुए बच्चों को उस युगल का जायज बच्चा ही माना जाएगा। उस बच्चे को जैविक संतान की तरह सभी अधिकार प्राप्त होंगे।

Topics: Common Civil CodeUttarakhand governmentUCC reportknow full detailsUniform Civil CodeUttarakhand
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

उत्तराखंड में पकड़े गए फर्जी साधु

Operation Kalanemi: ऑपरेशन कालनेमि सिर्फ उत्तराखंड तक ही क्‍यों, छद्म वेषधारी कहीं भी हों पकड़े जाने चाहिए

Chasingya Khadu Maa Nandadevi

चमोली: माँ नंदा देवी राजजात यात्रा 2026 के लिए शुभ संकेत, कोटी गांव में जन्मा चौसिंग्या खाडू

Currution free Uttrakhand

मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून में ‘भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड’ अभियान को दी मजबूती, दिलाई शपथ

प्रतीकात्मक तस्वीर

12 साल बाद आ रही है हिमालय सनातन की नंदा देवी राजजात यात्रा

ECI issues notice 6 political parties of UK

उत्तराखण्ड के 6 राजनैतिक दलों को चुनाव आयोग का नोटिस, जानिए कारण

Pushkar Singh Dhami Demography

विकसित भारत @2047 : CM धामी ने पूर्व सैनिकों संग डेमोग्राफी चेंज और धर्मान्तरण पर की चर्चा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Exclusive: मराठी अस्मिता नहीं, राजनीतिक वर्चस्व के लिए साथ आये उद्धव-राज

केरल की वामपंथी सरकार ने कक्षा 10 की सामाजिक विज्ञान पुस्तक में ‘लोकतंत्र : एक भारतीय अनुभव’ 'Democracy: An Indian Experience' शीर्षक से नया अध्याय जोड़ा है, जिसका विरोध हो रहा है। (बाएं से) शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन

केरल सरकार ने स्कूली पाठ्यक्रम में किया बदलाव, लाल एजेंडे और काली सोच का सबक है 

Indian Railways

आज से बिना आधार OTP नहीं मिलेगा तत्काल टिकट, आम लोगों को मिली राहत

नीतू की बेटी को भी छांगुर ने बनाया मुस्लिम, पोते से कराई सगाई; हो रही थी निकाह की तैयारी

सुशांत कुमार मजूमदार  (File Photo)

अपहरणकर्ता मजहबियों से कैसे मुक्त हुए सुशांत मजूमदार? क्यों बांग्लादेश में आएदिन हिन्दुओं को किया जा रहा अगवा!

anand mahindra

आनंद महिंद्रा ने अपने करियर के 44 साल पूरे होने पर बताया सफलता का मूल मंत्र

Bihar Voter List Verification

बिहार में फर्जी वोटर्स का भंडाफोड़, चुनाव आयोग ने 35.69 लाख नाम वोटर लिस्ट से हटाए

Supreme Court

अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कुछ भी पोस्ट नहीं कर सकते, SC ने कार्टूनिस्टोंं और स्टैंडअप कॉमेडियनों पर की सख्त टिप्पणी

प्रतीकात्मक तस्वीर

नाम बदलकर, टीका लगाकर और कलावा बांधकर हिंदू लड़कियों को फंसाने की चल रही साजिश, लव जिहादियों से सतर्क रहने की जरूरत

CM Yogi

29.6 लाख करोड़ की ओर बढ़ी यूपी की अर्थव्यवस्था, CM योगी आदित्यनाथ ने बताया आत्मनिर्भरता का मार्ग

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies