नई दिल्ली । जरा सोचिए सनानती हिंदू परिवेश में पला बड़ा बच्चा आपसे आकर पूछे कि क्या हिंदू देवी देवताओं में शक्ति नहीं होती, कुरान क्या है..? कलमा कैसे पढ़ा जाता है..? तो आप चौंकेगे ही न… जी हां, बात ही चौंकाने वाली है। नजदीक से अपने घरों के आसपास देखिए कि आपके बच्चे को कहीं कोई बरगला तो नहीं रहा.. कहीं कोई उसे डराकर मन में वहम डालकर भटकाने की कोशिश तो नहीं कर रहा… जहां आपका बच्चा पढ़ता है, जहां खेलता है, उन सब जगहों की जानकारी आप अपने पास रखें। क्योंकि, कहीं कोई आसपास ऐसा जिहादी मानसिकता वाला व्यक्ति हो सकता है जो मासूम बच्चे को भटका रहा हो।
ऐसा वाकया कहीं और नहीं दिल्ली में ही सामने आया है। ये मामला सामने आया है कि नार्थवेस्ट दिल्ली के सुभाष प्लेस थाना क्षेत्र के शकूरपुर से। कहानी कई महीने पहले शुरू हुई। इस क्षेत्र में रहने वाले शिवोम (परिवर्वित नाम) नाम का बेटा छठी कक्षा में पढ़ता है। वह कोचिंग के लिए पास ही स्थित जेएमडी कोचिंग संस्थान में ट्यूशन के लिए जाता था। कहीं महीनों से बच्चा घर पर आकर अपने पिता से तरह तरह के प्रश्न करता था। वह पूछता था कि पापा क्या हमारे भगवान में शक्तियां नहीं हैं ? क्या हमारे भगवान झूठे हैं ? कुरान क्या होती है ? कलमा क्या होता है ? हिंदू कौन होते हैं ? मुसलमान कौन होते हैं ? ऐसे तमाम प्रश्न उसके पास होते थे, पहले तो उसके पिता ने इस पर गौर नहीं किया सोचा बाल मन की जिज्ञासा होगी, लेकिन बार—बार ऐसा होने पर शिवोम ने अपने बेटे से पूछा कि तुमको यह सब कौन बताता है। तो बच्चे ने बताया कि ट्यूशन में रिजवान सर उसे ऐसा बोलते हैं। वह उसे कुरान पढ़ने के लिए दबाव बनाते हैं। कलमा पढ़ने के लिए बोलते हैं।
जब शिवोम ने इस संबंध में शिकायत करने के लिए कोचिंग में फोन किया तो न सिर्फ उनके साथ बदतमीजी की गई बल्कि उन्हें गंदी—गंदी गालियां दी गईं। उनके पूरे परिवार को मार डालने तक की धमकी भी दी गई। इस संबंध में उन्होंने पुलिस में शिकायत की तो पहले तो पुलिस ने शिकायत ही दर्ज नहीं की। बाद में स्थानीय कुछ लोगों के दबाव के बाद इस मामले में भारतीय दंड संहिता की नई धाराओं के तहत धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप में मामले में मामला दर्ज किया है। जब इस बारे में डीसीपी नार्थ वेसट से बात करने की कोशिश की गई तो कई बार बात करने के बाद भी उनसे संपर्क नहीं हो सका।
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