वर्ष 1994 का इसरो जासूसी केस आपकी जेहन में होगा ही। ये वही जासूसी केस है, जिसके चंगुल में फंसकर इसरो के वैज्ञानिक नंबी नारायणन का पूरा कैरियर तबाह हो गया है। इस मामले में CBI ने आरोप पत्र दायर करते हुए तिरुवंतपुरम की एक अदालत में बताया है कि केरल के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एक महिला को अवैध रूप से हिरासत में रखने के लिए इस साजिश को गढ़ा था। केंद्रीय जांच एजेंसी ने बताया कि केरल पुलिस की स्पेशल सेल के अधिकारी के प्रेम प्रस्ताव को मालदीव की महिला ने ठुकरा दिया था। इसी के बदले के तौर पर उसने नंबी नारायणन को झूठे आरोप में फंसाया गया था।
जांच एजेंसी के मुताबिक, केरल पुलिस के उस अधिकारी का नाम एस विजयन था, जिसने मालदीव की महिला मरियम रशीदा को पहले प्रपोज किया और जब उसने उसे रिजेक्ट कर दिया, तो उसने महिला को फंसाने के लिए ये जाल बुना। सीबीआई ने कोर्ट में आरोप लगाया कि एस विजयन ने मरियम रशीदा को भारत छोड़ने से रोकने के लिए मरियम रशीदा के यात्रा के दस्तावेज और एयरलाइन टिकट को भी जब्त किया था।
गौरतलब है कि सीबीआई के आरोप पत्र के मुताबिक, स्पेशल ऑफिसर विजयन को पता चला था कि मरियम और इसरो के वैज्ञानिक डी शशिकुमारन एक दूसरे के साथ संबंध में थे। इसके बाद केरल पुलिस के अधिकारियों ने रशीदा और उसकी मालदीव की दोस्त फौजिया हसन की निगरानी करना शुरू किया। इसको लेकर SIB को अलर्ट किया, लेकिन जब इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) ने इसकी जांच की तो उसे किसी भी तरह का गलत नहीं लगा। लेकिन, फिर भी एस विजयन ने जब देखा कि उन दोनों की हिरासत खत्म होने वाली थी तो उन्होंने जानबूझकर ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए फेक रिपोर्ट पेश की थी।
दर्ज किया गया जासूसी का मामला
सीबीआई ने आरोप पत्र में आरोप लगाया कि ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत केस दर्ज करने के बाद केरल पुलिस ने इस मामले में जासूसी का केस दर्ज किया गया और फिर इसकी जांच की जिम्मेदारी एसआईटी को सौंप दी जाती है। बाद में एसआईटी ने इस मामले में नंबी नारायण समेत 4 अन्य वैज्ञानिकों को गिरफ्तार कर लिया। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि एसआईटी ने गिरफ्तारी के बाद इन वैज्ञानिकों पर कई और गलत आरोप लगाए गए।
कई अधिकारियों पर मुकदमा चलाने का सुझाव
अपने आरोप पत्र में सीबीआई ने केरल के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर बी श्रीकुमार और सिबी मैथ्यूज, पूर्व एसपी एस विजयन और के के जोशुआ तथा पूर्व खुफिया अधिकारी पी एस जयप्रकाश के खिलाफ साजिश रचने के आरोप में मुकदमा चलाने का सुझाव दिया है। सीबीआई ने 1996 की अपनी जांच रिपोर्ट में दावा किया था कि नंबी नारायणन समेत अन्य के खिलाफ मनगढ़ंत तरीके से आरोप लगाए गए थे। इस मामले की जांच करते हुए आईबी ने भी अनप्रोफेशनल तरीके से काम किया था।
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