नई दिल्ली: ‘दिल्ली स्थित बुराड़ी का संबंध पौरौणिक ग्रंथों में भी मिलता है और इसका संबंध माहाभारत काल से है, जहां श्री केदारनाथ मंदिर के भूमि पूजन का कार्यक्रम विधिविधान से संपन्न हुआ। बुराड़ी में बाबा केदारनाथ का मंदिर बनने से न केवल शिव भक्तों की आस्था को बल मिलेगा, बल्कि सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार को भी बल मिलेगा।’ ये बात उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कही है।
वह श्री केदारनाथ मंदिर के भूमि पूजन का कार्यक्रम में सम्मलित होने के लिए आए थे, उसी दौरान उन्होंने ये बातें कही। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 8 बजे कलश यात्रा से हुई, जिसके बाद हवन और भूमि पूजन किया गया। इस दौरान केदारनाथ धाम से लाई गई पवित्र शिला की भी पूजा की गई। मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री धामी और श्री श्री 1008 निरंजनी पीठाधीश्वर, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी जी महाराज उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “इस शुभ अवसर पर यहां उपस्थित होना मेरा सौभाग्य है। बुराड़ी क्षेत्र का जिक्र हमारे सभी पौराणिक ग्रंथों में मिलता है और इसका संबंध महाभारत काल से है। इस पवित्र भूमि पर उत्तराखंड और सनातन संस्कृति के मूल परिचायक, दयानिधान बाबा केदारनाथ जी का यह धाम निश्चित रूप से आने वाले समय में हमारी संस्कृति और शाश्वत आस्था का आधुनिक प्रतीक बनेगा। इस मंदिर के बनने से शिवभक्तों की आस्था को बल मिलेगा तथा सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार भी होगा।”
भूमि पूजन के शुभ अवसर पर सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने कहा, “ईश्वरीय शक्ति के रूप में जिस तरीके से बाबा केदारनाथ जी विराजमान हैं, उन्हीं के आशीर्वाद से देश की राजधानी में एक दिव्य और भव्य मंदिर बने यही मेरी कामना है। आज के भूमि पूजन के कार्यक्रम में आए सभी शिवभक्तों पर बाबा केदारनाथ की कृपा बनी रहे।”
कार्यक्रम में उपस्थित पूज्य संत श्री श्री 1008 निरंजनी पीठाधीश्वर, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी जी महाराज कहते हैं कि दिल्ली में इस मंदिर का निर्माण होने से अधिक से अधिक भक्त बाबा केदारनाथ का आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे। यह मंदिर अनगिनत लोगों के लिए आस्था और आध्यात्मिकता का प्रतीक होगा।
होंगे चारों धामों दर्शन
भूमि पूजन समारोह के दौरान श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने कहा कि उत्तराखंड में केदारनाथ धाम करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। इस आस्था को ध्यान में रखते हुए, हमने इस ट्रस्ट की स्थापना की और दिल्ली में बाबा केदारनाथ को समर्पित एक भव्य मंदिर के निर्माण का लक्ष्य रखा। इस मंदिर के निर्माण में उपयोग की जाने वाली सामग्री अगले 100 वर्षों को ध्यान में रखते हुए चुनी जाएगी। इस 3 एकड़ भूमि पर चार धाम स्थापित किए जाएंगे, जिसमें सबसे बड़ा मंदिर बाबा केदारनाथ का होगा, उसके बाद बदरीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री मंदिर का निर्माण होगा।
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