वियना, (हि.स.)। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रूस की दो दिवसीय यात्रा पूरी कर रात को ऑस्ट्रिया पहुंचे। ऑस्ट्रिया की राजधानी में अभूतपूर्व स्वागत किया गया। ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर ने प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया। इस दौरान दोनों की गले मिलते तस्वीर भी सामने आई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, नई दिल्ली-वियना के संबंध और प्रगाढ़ होंगे। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स हैंडल पर इस यात्रा के कुछ ‘शब्द चित्र’ साझा किए हैं।
चांसलर नेहमर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करना उनके लिए खुशी और सम्मान की बात है। वह राजनीतिक और आर्थिक चर्चा के लिए उत्सुक हैं। नेहमर ने भी एक्स हैंडल पर कुछ ‘शब्द चित्र’ साझा किए हैं। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा आपसे मिलकर खुशी हुई। भारत-ऑस्ट्रिया की दोस्ती मजबूत है। आने वाले समय में यह और मजबूत होगी। दोनों देश वैश्विक भलाई के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक्स पर कहा है कि भारत-ऑस्ट्रिया साझेदारी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर। प्रधानमंत्री मोदी की ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर ने निजी बातचीत के लिए मेजबानी की। यह दोनों नेताओं के बीच पहली बैठक है। इसमें द्विपक्षीय साझेदारी की पूरी क्षमता को साकार करने पर चर्चा होगी।
जयसवाल ने कहा, ” दोनों देश इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह महत्वपूर्ण यात्रा भारत-ऑस्ट्रिया संबंधों को नई गति प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को ऑस्ट्रिया गणराज्य के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलेन से मुलाकात करेंगे और नेहमर के साथ बातचीत करेंगे। प्रधानमंत्री और चांसलर भारत और ऑस्ट्रिया के व्यापारिक नेताओं को भी संबोधित करेंगे।
वियना में प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रिया में रह रहे भारत के लोगों से लोगों से मुलाकात कर उनका हाल जाना। इससे पहले मास्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्रेमलिन के सेंट एंड्रयू हॉल में आयोजित एक विशेष समारोह में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को रूस के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सम्मानित किया। इस पुरस्कार की घोषणा 2019 में की गई थी।
इस पुरस्कार स्वीकार करते हुए, प्रधानमंत्री ने इसे भारत के लोगों और भारत व रूस के बीच मित्रता के पारंपरिक बंधन को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान दोनों देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को प्रदर्शित करता है। इस पुरस्कार की शुरुआत 300 साल पहले हुई थी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय नेता हैं।
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