झारखण्‍ड

विधायक हफीजुल हसन ने संविधान के साथ राष्ट्रगान का भी किया अपमान!

Published by
रितेश कश्यप

राष्ट्रीय स्तर पर बात की जाए या फिर प्रदेश स्तर पर, अभिव्यक्ति के नाम पर संविधान की बात करने वाले इंडी गठबंधन के लोग ही आज संविधान को तार-तार करने पर तुले हुए हैं। विशेष तौर पर मजहबी नेताओं के द्वारा भारत के संविधान की अवमानना बार-बार की जा रही है, लेकिन इंडी गठबंधन के नेताओं को यह सब नहीं दिख रहा है। अभी कुछ दिन पहले ही लोकसभा में शपथ के दौरान असदुद्दीन ओवैसी के द्वारा संसद भवन में ‘जय फिलिस्तीन’ के नारे लगाए गए थे। इस बात पर बवाल अभी शांत नहीं हुआ था कि झारखंड में मंत्री पद की शपथ लेने के दौरान मधुपुर के विधायक हफीजुल हसन ने शपथ से पहले मजहबी पंक्ति बोलकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस मामले को संविधान की अवमानना से जोड़ा जाने लगा है। सिर्फ इतना ही नहीं इस घटना के बाद वे राष्ट्रगान के दौरान राष्ट्रगान का अपमान करते दिखाई दिए। राष्ट्रगान के दौरान जहां सभी राजनीतिक दल के नेता सावधान की मुद्रा में खड़े थे वहीं हफीजुल हसन अपने कपड़े समेट रहे थे।

इस घटना के बाद नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बावरी और मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए झारखंड के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि जिस तरह से शपथ लेने के दौरान मंत्री हफीजुल हसन ने मजहबी पंक्ति के साथ शुरुआत की यह गैर संवैधानिक थी। इसलिए उन्हें पुनः शपथ दिलाई जाए और तब तक उन्हें मंत्री पद से मुक्त माना जाए।

राष्ट्रगान के अनादर रक्षा राज्य मंत्री सह रांची सांसद संजय सेठ ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रगान लोकतंत्र की सर्वोच्च गरिमा का प्रकटीकरण है। इस दौरान झारखंड सरकार के मंत्री हफीजुल हसन द्वारा शपथ ग्रहण के दौरान राष्ट्रगान का अनादर करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके लिए हफीजुल हसन को सार्वजनिक रूप से खेद व्यक्त करना चाहिए।

 

आज पूरे प्रदेश में कई जगहों पर मजहबी कट्टरपंथ की झलक दिखाई दे रही है। प्रदेश के कई जिलों में जनसांख्यिकी बदलाव देखने को मिल रहा है। तुष्टिकरण की वजह से लव जिहाद, लैंड जिहाद सहित ऐसे कई कुकृत्य पूरे प्रदेश में देखने को मिल रहे हैं। इन सब के बीच इस तरह से राष्ट्रगान और शपथ लेने के दौरान भारत के संविधान का अपमान किया जाना उन कट्टरपंथियों का मनोबल बढ़ाने के लिए काफी है।

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