नई दिल्ली, (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ क्रेमलिन में शिखरवार्ता के दौरान इस बात पर जोर दिया कि युद्ध समाधान नहीं है, शांति सर्वोपरि होनी चाहिए। आतंक का दर्द भारत जानता है। शिखरवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि ऊर्जा, खाद्य पदार्थ और ऊर्वरक आदि मामलों में दोनों देशों के बीच सहयोग के कारण भारत में इन पदार्थों की किल्लत नहीं हुई तथा रूस से कच्चे तेल के आयात के कारण विश्व अर्थव्यवस्था में भी स्थायित्व कायम हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी दो दिवसीय मास्को यात्रा के दूसरे दिन राष्ट्रपति पुतिन के साथ अकेले और बाद में प्रतिनिमंडल स्तर पर द्विपक्षीय और वैश्विक मामलों पर विचार-विमर्श किया।
उन्होंने आतंकवाद के ताजा खतरे का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले 40-50 वर्षों से भारत आतंकवाद को झेल रहा है। आतंकवाद कितना भयानक और घिनौना होता है, उसे हम जानते हैं। मॉस्को और दागिस्तान में हुई आतंकवादी घटनाओं की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि वे इस दर्द को समझते हैं।
यूक्रेन संघर्ष की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि युद्ध के मैदान में अक्सर समस्याओं का समाधान नहीं होता। हथियारों के जरिये शांति और समाधान कायम नहीं होता बल्कि विचार-विमर्श से ऐसा संभव है। मोदी ने यूक्रेन की राजधानी कीव में एक बच्चों के अस्पताल पर हुए हवाई हमले की ओर संकेत करते हुए कहा कि मानवता में विश्वास करने वाले हर व्यक्ति को जान-माल के नुकसान से दुख होता है। जब निर्दोष बच्चे इसका शिकार बनते हैं तो दुख और भी गहरा हो जाता है। इस संबंध में उन्होंने व्लादिमीर पुतिन का ध्यान आकर्षित कराया है। एक मित्र के रूप में मेरा मानना है कि सुखद भविष्य के लिए शांति सर्वोपरि है। यूक्रेन के संघर्ष में भारत की नीति को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत शांति के पक्ष में खड़ा है तथा संघर्ष के संबंध में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यूक्रेन संघर्ष के समाधान के प्रति वे आशावान है।
मोदी ने भारत के मेक इन इंडिया अभियान में रूस से मिले सहयोग का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे भारत में रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। दोनों देशों के बीच सहयोग से भारत के किसानों और उपभोक्ताओं का बहुत लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि उनकी वर्तमान रूस यात्रा पर पूरी दुनिया की नजर है तथा लोग इसकी अलग-अलग तरीके से व्याख्या कर रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन को संबोधित करते हुए कहा, “मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि ये कार्यकाल हमारे संबंधों को और गहरा व घनिष्ठ बनाएगा। हम नई-नई उपलब्धियों को लेकर आगे बढ़ेंगे।”
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