कोलकाता, (हि.स.) । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और पार्टी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोमवार को एक बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अलिया विश्वविद्यालय के माध्यम से बंगाल को इस्लामी राज्य बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं।
मालवीय ने विश्वविद्यालय की ओर से जारी निर्देशिका की दो तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा कि अलिया विश्वविद्यालय ने हाल ही में तकनीकी सहायक पद के लिए ‘इस्लामी संस्कृति’ की जानकारी रखने वालों का आवेदन मांगा है, जोकि भारतीय संविधान के विपरीत है। मालवीय ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण के नियमों को भी ताक पर रख दिया गया है। कांग्रेस ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया इस्लामिया से अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण हटा दिया था। बंगाल में भी वही हो रहा है। अब सभी ‘अल्पसंख्यक’ संस्थाओं से अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए संविधान से निर्धारित आरक्षण खत्म हो गया है।
अपराधियों को बचा रहीं ममता बनर्जी
अमित मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी बलात्कार, यौन उत्पीड़न और सार्वजनिक पिटाई जैसे मामलों में पीड़ितों का इस्तेमाल करके अपराधियों को बचा रही हैं और राजनीतिक विरोधियों को निशाना बना रही हैं। मालवीय ने सोमवार को ट्वीट करते हुए कहा कि शेख शाहजहां और ताजेमुल इस्लाम (उर्फ जेसीबी) जैसे अपराधियों को बचाने के लिए ममता बनर्जी ने पीड़ितों का इस्तेमाल किया है। उन्होंने हाल ही में उस महिला का उल्लेख किया, जिनकी सार्वजनिक रूप से पिटाई की गई थी। स्थानीय तृणमूल कांग्रेस विधायक ने इस कृत्य का बचाव किया था।
मालवीय ने कहा कि अब उस महिला ने माकपा नेता मोहम्मद सलीम और उनके खिलाफ एक शिकायत दर्ज की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि वीडियो के वायरल होने के लिए वे जिम्मेदार हैं। उन्हें यह शिकायत इसलिए दर्ज करानी पड़ी क्योंकि उन्हें तृणमूल के दबदबे वाले चोपड़ा में रहना है और ममता बनर्जी की प्राथमिकता पीड़िता के लिए न्याय नहीं बल्कि राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाना है। मालवीय ने कहा कि यह वीडियो पहले से ही बंगाल मीडिया में था और कई लोगों ने इसे दिल्ली पहुंचने से पहले ही साझा किया था। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाकर सफल नहीं होंगी।
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