दिल्ली शराब घोटाले के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की हफ्ते में 4 बार वकीलों से मिलने की मांग की याचिका पर सोमवार (8 जुलाई) को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने मामले को लेकर तिहाड़ अधिकारियों और ED को नोटिस जारी किया है।
केजरीवाल ने शराब घोटाले के मामले में ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था। अपनी याचिका में केजरीवाल ने कोर्ट में कहा कि उनके खिलाफ देशभर के अलग-अलग राज्यों में 35 केस चल रहे हैं। इसलिए उन्हें एक सप्ताह में कम से कम 4 बार अपने वकीलों से मिलने की इजाजत दी जाए। उन्होंने हाई कोर्ट से कहा कि उन्हें 2 और बार वकीलों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही मिलवाया जा सकता है। बता दें कि फिलहाल उन्हें केवल 2 बार ही मिलने दिया जा रहा है। केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने 15 जुलाई के लिए लिस्टेड किया है।
क्या है पूरा मामला
दिल्ली शराब नीति 2021-22 में घोटाले के मामले में केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उसके बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को 28 मार्च तक ईडी हिरासत में भेजा था। ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ही दिल्ली आबकारी घोटाला मामले के मुख्य साजिशकर्ता (किंगपिन) हैं। आज ईडी ने कहा कि केजरीवाल सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं। वह सहयोग नहीं कर रहे हैं।
ईडी के मुताबिक अरविंद केजरीवाल शराब नीति घोटाला के मुख्य साजिशकर्ता हैं। ईडी को केजरीवाल के घर पर छापेमारी में कई अहम दस्तावेज मिले हैं। इनसे पता चला है कि केजरीवाल दो ईडी अधिकारियों की जासूसी कर रहे थे। ईडी के मुताबिक विजय नायर दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत को दिए गए घर में रह रहे थे। उन्होंने साउथ ग्रुप और आम आदमी पार्टी के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई। अरविंद केजरीवाल ने साउथ ग्रुप से रिश्वत की मांग की।
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